राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच आंनदपाल का अंतिम संस्कार कराया। इससे पहले आनंदपाल एनकाउंटर की सीबीआई मांग को लेकर राजपूत समाज के लोगों ने जमकर हंगामा किया। बुधवार की रात कई वाहनों में आगजनी भी की गई थी। आनंदपाल के गांव और आस-पास के इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है।
जानकारी मिली है कि पुलिस प्रशासन ने आनंदपाल सिंह के परिवार को एक नोटिस देकर कहा था कि यदि उन्होंने उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं किया तो मजबूरी में यह काम पुलिस प्रशासन करेगा। इस चेतावनी के बाद गुरुवार को मुक्तिधाम में बीस दिनों बाद राजस्थान पुलिस ने गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया।
पुलिस ने शाम को पुलिस ने घरवालों को कहा कि अंतिम संस्कार करना होगा और आनंदपाल के बेटे को साथ चलने को कहा मगर बेटा नहीं माना तो पुलिस जबरन उसे साथ ले गई। पुलिस ने गांव के पांच लोगों को भी साथ लिया और उन्हें अंतिम संस्कार में ले आई। इसके अंतिम संस्कार की कार्रवाई पूरी की गई।
सुबह से राजस्थान के जेल डीजी और राजपूत अधिकारी अजीत सिंह परिवार को दाहसंस्कार करने के लिए राजी करने के लिए लगा रखा था। दिन में ढाई बजे पुलिस ने आनंदपाल के घर पर मानवाधिकार आयोग का नोटिस चस्पा दिया गया था कि आप 24 घंटे के अंदर दाह संस्कार कीजिए। इसके लिए मानवाधिकार ने आनंदपाल के लाश के मानवाधिकार और उसकी प्रतिष्ठा का सवाल बनाया था। लेकिन चार घंटे बाद ही दाह संस्कार कर दिया गया।
राजस्थान पुलिस के मुताबिक गांव में एक घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी और दाह संस्कार के लिए एक जगह एकत्रित होने के लिए कहा गया था। सूत्रों के मुताबिक आनंदपाल की मां इस बात पर अड़ी थी कि यदि बेटे के एनकाउंटर की जांच सीबीआई से नहीं कराई गई और जबरन दाह संस्कार कराया तो बेटे के साथ वो भी जलेंगी। इस वजह से पुलिस ने पूरे मामले को गुपचुप तरीके से अंजाम दिया।
तनाव को देखते हुए आनंदपाल की शव यात्रा में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था। बताते चलें कि नागौर में हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। इससे पहले बुधवार की रात राजपूतों की गुस्साई भीड़ ने नागौर में पुलिस पर हमला कर दिया था। इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए जबकि पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए कई राउंड फायरिंग भी की थी।
उधर, गांव में अब भी तनावपूर्ण माहौल है। मीडिया को गांव में घुसने की इजाजत नहीं दी गई। दाह संस्कार देखने की इजाजत भी मीडिया को नहीं मिली। डीजी जेल अजीत कुमार सिंह ने कहा कि दाह संस्कार के दृश्य मीडिया को दे दिए जाएंगे। इस बीच राजपूतों ने भी इसे सरकार की दमनकारी नीति बताते हुए अपनी अगली रणनीति शुक्रवार को बनाने का ऐलान किया है।