स्पोर्ट्स वर्ल्ड में नस्लवाद तेजी से बढ़ रहा है। ऐसा कई बार देखा गया, जब खिलाड़ी इसके शिकार बन गए है। नस्लवाद के खिलाफ आवाज उठानेवालों में टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद का नाम जुड़ा है। मुकुंद ने ट्वीट कर नस्लवाद पर कड़ा प्रहार किया है और उन्होंने इस मानसिकता को बदलने पर जोर डाला है।
अभिनव मुकुंद ने अपने पोस्ट पर लिखा है, ‘गोरे लोग ही सिर्फ हैंडसम नहीं होते।’
— Abhinav mukund (@mukundabhinav) August 9, 2017
मुकुंद ने लिखा है, ‘मैं 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहा हूं और धीरे-धीरे मैंने सफलता की ऊंचाइयां हासिल कीं ,देश के लिए बड़े लेवल पर खेलना मेरे लिए गर्व की बात है। मैं आज किसी की सहानुभूति और ध्यान खींचने के लिए नहीं लिख रहा हूं, बल्कि इस उम्मीद से कि इस मुद्दे पर लोगों की सोच बदल पाऊं, जिसके बारे में मैं सबसे ज्यादा सोचता हूं।’
‘मुझे लोगों ने कई नामों से पुकारा, लेकिन मैं इन बातों पर हंसा और आगे बढ़ गया, क्योंकि मेरा लक्ष्य बड़ा था। कई बार ऐसा हुआ, जब मैंने इन बेइज्जती पर कुछ न बोलने की ठान ली ले.किन आज मैं सिर्फ अपने लिए नहीं बोल रहा हूं, बल्कि अन्य कई लोगों के लिए बोल रहा हूं। गोरे लोग ही सिर्फ हैंडसम नहीं होते। सच्चे बनो, ध्यान रखो, और अपने रंग रूप को लेकर सहज रहो।’
नस्लवाद मानव जाति के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक है।