नोयडा, अपनी ही बेटी और नौकर के कत्ल के आरोप में जेल की सज़ा काट रहे आरुषि के माता-पिता डॉ. राजेश और नूपुर तलवार को आज रिहा कर दिया गया. दोनों करीब चार साल से जेल में बंद थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी पहुंचने के बाद सीबीआई कोर्ट ने रिहाई का आदेश जारी किया, जिसके बाद डासना जेल से तलवार दंपति रिहा हो गए.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए तलवार दंपति को आरुषि-हेमराज मर्डर केस से बरी कर दिया था. सीबीआई कोर्ट ने तलवार दंपित को दोषी मानते हुए 26 नवंबर, 2013 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद डॉ. राजेश और नूपुर तलवार ने न्याय के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी.
दान किया ये सामान
तलवार दंपति की रिहाई को ध्यान में रखते हुए उनके साथ जेल में बंद कैदियों ने आज सुबह लाइन लगा कर अपना इलाज करवाया. माना जा रहा है कि आज तलवार दंपति जेल से रिहा हो जाएंगे. जेल में डेंटल क्लीनिक के सेटअप में तलवार दंपति ने अहम योगदान किया है. उन्होंने तमाम डेंटल उपकरण भी जेल को मुहैया कराए हैं. इसके अलावा जेल में रहने के दौरान कैदियों के इलाज के एवज में रोज़ाना मिलने वाला 40 रूपए मेहनताना भी नहीं लिया है. तलवार दंपति ने जेल में बिताए अपने 1417 दिनों के दौरान करीब 99 हजार रुपये कमाए थे. इसमें राजेश तलवार का अब तक बंदी के तौर पर जेल में अपनी सजा काटने के दौरान 49 हजार 520 रुपए मेहनताना बना है.
राजेश और नुपुर तलवार ने जेल में जो भी अपनी जरूरतों के समान जेल मैनुअल के हिसाब से मंगाए थे (जो कैदी बुला सकते हैं). वो समान तलवार दंपति जेल में ही गरीब बंदियों को बांट कर जेल से बाहर जाएंगे. इसके साथ ही राजेश और नुपुर तलवार जेल में जो भी अपनी धामिर्क इतिहास और आध्यात्मिक किताबें लाए थे वो जेल लाइब्रेरी में जेल बंदियों के लिए छोड़कर जाएंगे.
विशेष सीबीआई कोर्ट ने ठहराया था दोषी
आपको बता दें कि विशेष सीबीआई कोर्ट ने आरुषि और हेमराज की हत्या के मामले में तलवार दंपति को 26 नवंबर, 2013 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी जिसके खिलाफ तलवार दम्पति ने हाईकोर्ट में अपील की थी. फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने सीबीआई की जांच में कई खामियों का जिक्र किया. कोर्ट ने कहा कि कई सबूतों की ना तो पड़ताल की गई और ना ही साक्ष्यों को वेरिफाई करने की कोशिश की गई. हाई कोर्ट ने कहा कि परिस्थितियों और रिकार्ड में दर्ज साक्ष्यों के मुताबिक तलवार दंपति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.
गुरुवार, 12 अक्टूबर को ही हाई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद भी तलवार दंपति की रिहाई नहीं हो पाई क्योंकि समय से जेल प्रशासन को फैसले की कॉपी नहीं मिली थी. शनिवार और रविवार को छुट्टी रही और आज सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों की रिहाई हुई.