शारदीय नवरात्रि का आरंभ प्रतिपदा तिथि उत्तरा फाल्गुनी व हस्त नक्षत्र शुक्ल ब्रह्म योग के साथ 26 सितंबर सोमवार से हो रहा है। इस वर्ष की यह नवरात्रि पूरे 9 दिनों की होगी। इस कारण दुर्गापूजा को लेकर चास-बोकारो के दुर्गा मंदिरों व नगर के विभिन्न क्षेत्रों में बनाए जा रहे भव्य पूजा पंडालों में कलश स्थापना सोमवार की सुबह 9 बजे के बाद की जाएगी। इस कलश स्थापना को लेकर दुर्गा मंदिरों समेत सभी पूजा पंडालों में सारी तैयारी शुरू कर दी गई है। मां दुर्गा की पूजा की तैयारी को लेकर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भव्य पूजा पंडाल बनाया जा रहा है। उस भव्य पूजा पंडाल में मां दुर्गा की आकर्षक प्रतिमा की स्थापना को लेकर विभिन्न पूजा कमेटी की ओर से विशेष तैयारी की जा रही है।
मां दुर्गा का कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त
पंडित मार्केण्डेय दूबे के अनुसार मां दुर्गा की कलश स्थापन का समय हेतु शास्त्रों में तिथि व नक्षत्रों को मान्यता दी गई है। इस वर्ष के नवरात्रि में पूरे दिन शुभ मुहुर्त में कलश स्थापन किया जाएगा। केवल सुबह 7.30 से 9 बजे तक राहुकाल में कलश स्थापन नहीं होगा। पूजा पंडालों में व घरों में कलश स्थापन प्रतिपदा तिथि में होता है। इसमे मां शारदे का आवाहन सप्तमी तिथि व मूल नक्षत्र में होता है l
मां का आगमन हाथी पर व गमन मुर्गा पर
इस वर्ष सप्तमी तिथि व मूल नक्षत्र 2 अक्टूबर रविवार के दिन होने से माता का आगमन “ग़ज़ “अर्थात हाथी पर होगा जो वृष्टि सूचक है l यह जनमानस के लिए अत्यंत शुभ है। मंगलवार होने से इस वर्ष माता का गमन चरणायुध पर अर्थात मुर्गे पर होगाl जो जनमानस के लिए शुभ नहीं माना गया है। इस वर्ष की नवरात्रि 26 सितंबर से 4 अक्टूबर तक 9 दिनों की होगी l
दुर्गापूजा में हवन कार्यक्रम 4 अक्टूबर को होगा
मां दुर्गा का विल्वाभिमंत्रण को षष्ठी तिथि में करना शुभ है। बिल्वाभिमंत्रण षष्ठी तिथि में 1 अक्टूबर शनिवार को रात 8.36 के पहले करना होगाl हवन 4 अक्टूबर मंगलवार को नवमी तिथि में दिन में 1.33 बजे तक किया जा सकेगाl जबकि मंगलवार को हवन कार्यकम महानवमी के अवसर पर करना अत्यंत लाभकारी होगा। विजय दशमी का पर्व व पंडालों में मूर्ति विसर्जन 5 अक्टूबर बुधवार को किया जाएगा।
विजय दशमी का पर्व और पंडालों में मूर्ति विसर्जन 5 अक्टूबर बुधवार को किया जाएगा l