समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार को चकमा दे ही दिया। मॉनसून सत्र के पहले दिन 19 सितम्बर को तो पुलिस ने उन्हें पैदल मार्च कर पार्टी दफ्तर से विधानसभा तक नहीं पहुंचने दिया था लेकिन सत्र के आखिरी दिन 23 मार्च यानी शुक्रवार को सदन से वॉकआउट कर अखिलेश सपा विधायकों-कार्यकर्ताओं के साथ पैदल मार्च करते हुए सड़क पर उतरे तो यूपी पुलिस अवाक रह गई।
साफ दिखा कि पुलिस को ऐसा कुछ होने की जरा भी आशंका नहीं थी इसीलिए विधानसभा से सपा कार्यालय तक उसकी कहीं कोई तैयारी नहीं थी। लिहाजा बिना किसी व्यवधान के सपा विधायकों का पैदल मार्च हो गया। बता दें कि आज जब लखनऊ में यह सब हो रहा था तो सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, गोंडा, अयोध्या और बाराबंकी कुल 5 जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण पर निकले थे।
पुलिस तैयारी करती और सपाइयों को रोकती, अखिलेश ने इसका मौका ही नहीं दिया। अब समाजवादी पार्टी के नेता इस पर खुशी जता रहे हैं। उनका कहना है कि अब तक सपा जब भी विरोध प्रदर्शन का ऐलान करती थी तो पुलिस नेताओं को घर पर ही बिठा देती थी। इस बार मॉनसून सत्र शुरू होने से दो-तीन दिन पहले ही ऐलान कर दिया गया था कि पार्टी विधायक राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई में पैदल मार्च करेंगे। लेकिन पुलिस ने सत्र के पहले दिन पैदल मार्च होने नहीं दिया।
अखिलेश यादव और सपा विधायकों को रोक लिया गया तो वे वहीं धरने पर बैठ गए। सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में इस पर सपा ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी रखा और सपा विधायकों ने वेल में आकर हंगामा भी किया। यहां तक कि सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहे।