भारत में कोने-कोने तक कट्टरता फैलाने के मंसूबे में जुटी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फंडिंग की जा रही थी। भारतीय खुफिया एजेंसियों और एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि तुर्किए (तुर्की) की सरकारी एजेंसी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ की मदद से पीएफआई और उनके कारकुनों को मोटी रकम बैंक खातों में पहुंचा रही थीं। इसका इस्तेमाल टेरर फंडिंग में किए जाने के भी सबूत मिले हैं।
यूपी एसटीएफ और एनआईए को इस खुलासे के तार हाथरस कांड और एंटी सीएए आंदोलन के दौरान ही मिल गए थे लेकिन इसकी कड़ियां जोड़ने में करीब एक साल से ज्यादा वक्त लगा और अंतत देशव्यापी छापेमारी की रणनीति बनाई गई। पीएफआई के विरुद्ध एनआईए के देशव्यापी छापों के पीछे यही बड़ी वजह है। इस दौरान ही पीएफआई और उसके पदाधिकारियों को हुई फंडिंग की जांच में यह खुलासा भी हुआ था कि ओमान के जरिए भारतीय बैंक खातों में रकम भेजी गई। एनआईए के अधिकारी फिलहाल इतना कहते हैं कि बैंकों से मिले सुराग के आधार पर मनी ट्रेल के जरिए छापेमारी का आधार मिला।
इससे पहले सीएए विरोधी प्रदर्शनों और उसके बाद हाथरस कांड को गरमाने के षड्यंत्रों का खुलासा होने के बाद पीएफआई देश की खुफिया एजेंसियों के रडार पर आ गई थी। सीएए विरोधी प्रदर्शनों में पीएफआई और उसके छात्र संगठन कैम्पस फ्रंट आफ इंडिया (सीएफआई) की भूमिका आने के बाद यूपी पुलिस ने उसके कई पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
एंटी सीएए आंदोलन में करीब 25 संदिग्धों को यूपी में गिरफ्तार किया गया था। उनसे पूछताछ के आधार पर सुबूत जुटाए गए। हाथरस कांड को लेकर विरोध प्रदर्शनों के दौरान मथुरा में चार पीएफआई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद यूपी एसटीएफ ने भी पीएफआई की जांच की थी। एसटीएफ ने पीएफआई के दिल्ली कार्यालय में छापा भी मारा था। सूत्रों के अनुसार एसटीएफ की जांच में भी पीएफआई को विदेशी फंडिंग का पता चला था।
ईडी के अधिकारियों के अनुसार, पीएफआई के विरुद्ध लगातार कई मामले आने के बाद जांच शुरू की तो उसके बैंक खातों में करीब 100 करोड़ के संदिग्ध लेन-देन का पता चला। यह जानकारी भी मिली कि पीएफआई को हवाला के जरिए भी रकम पहुंचाई जा रही थी। साथ ही कुछ फर्जी कंपनियों के माध्यम से भी लेन-देन हुआ है। भारत में इस्लामिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पीएफआई से जुड़े कुछ अभियुक्तों के खाते में सीधे रकम पहुंचाने की जानकारी भी मिली। ईडी ने जांच के बाद पीएफआई के पांच सदस्यों के खिलाफ लखनऊ की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट भी दायर कर रखी है। चार्जशीट पर अदालत में संज्ञान ले लिया है।
छापेमारी पर भड़का पीएफआई संगठन
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं ने आतंकी गतिविधियों में कथित तौर पर संलिप्तता के आरोप में एनआईए की छापेमारी पर विरोध जताया है। पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने संगठन के कार्यालयों, नेताओं के घरों और अन्य परिसरों में छापेमारी के खिलाफ गुरुवार को पूरे केरल में विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही ऐलान किया वे जुमे पर केरल राज्य में सुबह से शाम तक हड़ताल करेंगे।
हड़ताल का ऐलान
पीएफआई ने बयान जारी कर कहा, संगठन के नेताओं की गिरफ्तारी गलत है। राज्य महासचिव ए अब्दुल सथार ने कहा, ऐसे कृत्यों से असल में केंद्र संविधान विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हो रहा है। जनता को देश की रक्षा करने के लिए ऐसे कदमों के खिलाफ अपनी आवाज उठानी चाहिए। केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके असहमति की आवाज को दबाने के प्रयास के खिलाफ राज्य में 23 सितंबर को हड़ताल का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श करने के बाद ऐसे कृत्यों के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे।