विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कहा है कि मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिस्टेंस और ऑनलाइन मोड से पढ़ाए जाने वाले कोर्सेज की डिग्री को पारपंरिक शिक्षा डिग्री के समान माना जाएगा। यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने कहा कि डिग्री विशिष्टता, 2014 पर यूजीसी की अधिसूचना के अनुरूप उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा ओपन एंड डिस्टेंस या ऑनलाइन मोड से ग्रेजुएशन से पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर दी जाने वाली डिग्री और डिप्लोमा को पारंपरिक शिक्षा माध्यम की डिग्री तथा डिप्लोमा के बराबर माना जाएगा।
यह फैसला यूजीसी (मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम और ऑनलाइन कार्यक्रम) नियमन के नियम 22 के अनुसार लिया गया है।
हाल ही में आयोग ने और अधिक विदेशी छात्रों को आकर्षित करने व ऑनलाइन कोर्सेज में उनका दाखिला बढ़ाने के लिए यूजीसी ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम्स रेगुलेशन 2020 में बदलाव किया था। यह बदलाव तब किया गया जब विदेश मंत्रालय ने पाया कि पासपोर्ट की वैधता खत्म हो जाने या पासपोर्ट सब्मिट न करने की वजह से बहुत से विदेशी छात्रों के आवेदन खारिज कर दिए गए हैं।
अप्रैल माह में यूजीसी ने ड्यूल व जॉइंट डिग्री कोर्सेज कराने के लिए भारतीय और विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों को शैक्षणिक टाइअप को मंजूरी दे दी थी। अब देश के विश्वविद्यालय किसी अन्य देश के विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर स्टूडेंट्स को ड्यूल, जॉइंट और ट्विनिंग टाइप के डिग्री कोर्सेज ऑफर कर सकते हैं।