BPSC 67th Exam Date 2022 : बिहार लोक सेवा आयोग ने 21 सितंबर 2022 को होने को प्रस्तावित बीपीएससी 67वीं पीटी परीक्षा को एक बार फिर स्थगित कर दी है। यह परीक्षा अब 30 सितंबर को आयोजित की जाएगी। आपको बता दें कि यूपीएससी और बीपीएससी की परीक्षाएं एक ही दिन पड़ने पर कई दिन से अभ्यर्थी सोशल मीडिया पर हैशटैग (UPSC_CLASH_BPSC) चला रहे थे। इसी को लेकर कुछ अभ्यर्थी दिल्ली में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले थे और परीक्षा तिथि में बदलाव करने की मांग का ज्ञापन सौंपा था।
बिहार सरकार ने छात्रों की मांग को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने अब यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2022 और बीपीएससी 67वीं पीटी के टकराव को दूर कर नई तिथि घोषित की है। बीपीएससी की वेबसाइट bpsc.bih.nic.in, पर जारी नोटिस के अनुसार यह परीक्षा अब 30 सितंबर को दोपहर 12 बजे से दो बजे तक एक ही पाली में आयोजित की
आपको बता दें कि 67वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 8 मई 2022 को किया जा रहा था तभी पेपर लीक की खबरों के बीच परीक्षा को रद्द कर दिया गया था और परीक्षा नए सिरे से दोबारा आयोजित किए जाने का ऐलान किया गया था। बीपीएससी 67वीं के 802 पदों के लिए 6 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।
एडमिट कार्ड अब 20 सितंबर से डाउनलोड कर सकेंगे
बीपीएससी ने परीक्षा तिथि में बदलाव का नोटिस जारी कर कहा है कि 67वीं पीटी के एडमिट कार्ड अब 14 सितंबर की बजाय 20 सितंबर से उपलब्ध होंगे। एग्जाम ऑब्जेक्टिव मोड में दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक होगा। परीक्षार्थियों को 11 बजे तक ही एग्जाम सेंटर में एंट्री दी जाएगी।
गौरतलब है कि 21 सितंबर से पहले यह परीक्षा 20 और 22 सितंबर, 2022 को दो शिफ्टों में होने वाली थी लेकिन परीक्षार्थियों के भारी विरोध प्रदर्शन के बाद बिहार सरकार ने पीटी एग्जाम पहले की तरह एक दिन एक शिफ्ट में कराने का फैसला किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया था।
BPSC 67th CCE 2022 प्रीलिम्स परीक्षा में जनरल स्टडीज में 150 मार्क्स के प्रश्न पूछे जाएंगे। बता दें, परीक्षा का समय 2 घंटे का होगा।
BPSC Exam Syllabus 2022:
– जनरल साइंस
– राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की घटनाएं
– बिहार का इतिहास और भारतीय इतिहास
– भूगोल (मुख्य रूप से बिहार का भूगोल)
– भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था
– स्वतंत्रता के बाद बिहार की अर्थव्यवस्था में परिवर्तन
– भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और बिहार की भूमिका
– सामान्य मानसिक क्षमता