Shani Dev: ज्योतिष शास्त्र में शनि (Shani) को एक क्रूर ग्रह के रूप में देखा गया है. ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों का फल प्रदान करते हैं. साथ ही शनि देव सभी 9 ग्रहों में सबसे धीमी चाल से चलने वाले हैं. अक्सर लोग शनि नाम सुनकर भयभीत हो जाते हैं. कहा जाता है कि शनि देव से कभी भी भयभीत नहीं होना चाहिए, बल्कि सही कर्म और सत्य का पालन करने से शनि की हमेशा कृपा प्राप्त होती रहती है. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के जानकारों की मानें तो शनि देव मनुष्य के सभी अच्छे बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. यही कारण हैं कि इन्हें दंडाधिकारी भी कहा जाता है. ज्योतिष में कुछ ऐसी राशियों का जिक्र किया गया है, जिस पर शनि देव प्रसन्न रहते हैं. आइए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि शनि देव (Shani) किन राशि वालों को परेशान नहीं करते हैं.
शनि देव हैं मकर और कुंभ राशि के स्वामी | Capricorn and Aquarius
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव (Shani Dev) मकर और कुंभ राशि के स्वामी माने गए हैं. इस वक्त ये मकर राशि में वक्री अवस्था में गोचर कर रहे हैं. यानी शनि देव अपनी स्वराशि में मौजूद हैं. कहा जाता है कि शनि देव जब वक्री होते हैं तो पूरी तरह से शुभ फल प्रदान नहीं करते. ऐसे में इस राशि के जातक को सतर्क रहना चाहिए. इसके अलावा शनि देव कुंभ राशि के भी स्वामी हैं. ये मकर के बाद वे कुंभ राशि में प्रवेश करेंगें.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव मीन और धनु राशि में अनुकूल रहते हैं. यानी शनि देव धनु और मीन राशि वालों को परेशान नहीं करते हैं. दरअसर माना जाता है इन दो राशियों के जातक काफी मेहनती होते हैं. जिस कारण इन पर शनि देव की कृपा बनी रहती है.
शनि देव की प्रिय राशि है तुला | Shani in Tula Rashi
ज्योतिष के मुताबिक शनि की सबसे प्रिय राशि तुला है. कहा जाता है कि इस राशि के जातक हमेशा शनि देव की विशेष कृप प्राप्त करते रहते हैं. यानी इस राशि के जातक को शनि देव दुख और कष्ट नहीं देते हैं. तुला राशि वाले यदि दूसरों का भला करते हैं तो शनि देव उनकी उन्नति में सहायक बनते हैं. ऐसे लोग जीवन में उच्च पद प्राप्त करते हैं.