पाकिस्तान में सत्ता को गंवाने के करीब पहुंच चुके प्रधानमंत्री इमरान खान की लाज बचाने के लिए सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने बड़ा ऑफर दिया है। जनरल बाजवा ने बुधवार को इमरान खान के साथ दो बार मुलाकात की और ‘सहमत होने योग्य विकल्पों’ पर चर्चा की। साथ ही उन्हें राजनीतिक संकट का समाधान करने के लिए सरकार और विपक्षी दलों की ‘लाज बचाने वाले समझौते’ का ऑफर दिया। पाकिस्तान में अब आम चुनाव जल्दी कराया जा सकता है और उनके साथ 4 प्रांतों की विधानसभाओं के लिए भी मतदान हो सकता है।
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में पीएम हाउस के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस पर्दे के पीछे की बातचीत में अगले आम चुनाव को लेकर चर्चा की गई। सेना चाहती है कि ऐसा विकल्प दिया जाए जो इमरान और विपक्ष दोनों को ही स्वीकार हो। बाजवा, आईएसआई चीफ और इमरान के बीच हुई बातचीत में पाकिस्तानी पीएम के बचे हुए कार्यकाल के बारे में भी बातचीत हुई। साथी इस विकल्प पर भी चर्चा की गई कि अंतरिक सरकार का कार्यकाल कितना होगा।
सूत्रों के मुताबिक इमरान खान की लाज बचाने वाले संभावित समझौते और देश में आम चुनाव तथा 4 प्रांतों में विधानसभा चुनाव का ऐलान नैशनल असेंबली में किया जाएगा। इस बैठक में यह भी फैसला किया गया कि किसी भी फैसले को तब तक अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा जब तक कि विपक्षी दल उस पर सहमत न हो जाएं। इस पूरे पैकेज को संसद में पेश किया जाएगा। अगर विपक्ष और इमरान खान के बीच समझौते को लेकर सहमति नहीं बनती है तो अविश्वास प्रस्ताव पर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
इस बीच अपनी रणनीति तय करने के लिए इमरान खान ने राष्ट्रीय सुरक्षा कमिटी की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक के बाद इमरान खान कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। कहा जा रहा है कि विदेशी हस्तक्षेप के दावे वाले पत्र के बारे में भी चर्चा होगी। इस बीच एमक्यूएम-पी के पाकिस्तान सरकार से अलग होने की घोषणा के कुछ घंटों बाद, सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के सैन्य नेतृत्व से दो बार मुलाकात की, किसी ने भी उनसे इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा है और न ही ऐसा करने की उनकी योजना है।
पीटीआई सैन्य नेतृत्व का ‘सम्मान’ करता है: फवाद चौधरी
फवाद ने कहा कि सत्तारूढ़ पीटीआई सैन्य नेतृत्व का ‘सम्मान’ करता है। पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ पर तंज कसते हुए फवाद ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को एक समस्या थी क्योंकि उन्होंने संस्थानों को ‘जीतने’ की कोशिश की थी। कथित रूप से मौजूदा सरकार को धमकी देने वाले पत्र के बारे में बोलते हुए, फवाद ने कहा कि ‘इस तरह की धमकी’ किसी भी स्वतंत्र देश के लिए अस्वीकार्य है। फवाद ने कहा कि इमरान खान पाकिस्तान की संप्रभुता के लिए लड़ेंगे। हम संसद के समक्ष एक बंद कमरे में पत्र पेश करेंगे। हम विपक्ष के साथ पत्र का विवरण साझा कर सकते हैं।
27 मार्च को एक पीटीआई रैली को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने खुलासा किया था कि विदेशी तत्व उनकी सरकार को गिराने के प्रयासों में शामिल है और हमारे अपने कुछ लोगों का इस संबंध में उपयोग किया जा रहा है। मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में, योजना, विकास और विशेष पहल मंत्री असद उमर ने आरोप लगाया था कि शरीफ ने विदेशी शक्तियों के साथ हाथ मिलाया है और खान के खिलाफ साजिश में शामिल है। उमर ने दावा किया कि पीएमएल-एन सुप्रीमो लंदन में हैं और उन्होंने दूसरे देशों की खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों से मुलाकात की है। संघीय मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का नेतृत्व पत्र से अनजान नहीं है।
‘इमरान खान के हत्या की साजिश रची जा रही’
पाकिस्तान के एक पूर्व मंत्री ने दावा किया है कि देश में राजनीतिक तनाव बढ़ने के कारण ‘प्रधानमंत्री इमरान खान की हत्या की साजिश रची जा रही है।’ जियो न्यूज की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में वावड़ा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री की जान को खतरा है और उनकी जान लेने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने उनसे बार-बार कहा है कि रैलियों को संबोधित करते हुए बुलेटप्रूफ ग्लास का इस्तेमाल करें। एक सवाल के जवाब में पूर्व मंत्री ने कहा कि यह साजिश सरकार को मिले ‘गुप्त’ मेमो से जुड़ी है। वर्तमान में, ट्रेजरी बेंच में 164 सदस्य हैं, जबकि विपक्ष के पास 177 हैं, और इमरान खान को सत्ता से बाहर करने के लिए 172 वोटों की जरूरत है।