मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी विभागीय मंत्रियों को अपने-अपने विभाग के बारे में कैबिनेट के सामने खुद ही प्रस्तुतिकरण करना होगा। इसमें विभागीय अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव केवल नाम मात्र की सहायता करेंगे। मंत्रियों को खुद ही संचालन करना होगा और उन्हें हर बारीकी की जानकारी देनी होगी। ऐसे में कई मंत्रियों के सामने तकनीकी रूप से प्रशिक्षित न होने के कारण दिक्कतें पेश आ सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को आला अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। लेटलतीफी अथवा एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालने की प्रवृत्ति कतई स्वीकार नहीं की जाएगी।
अधिकारी करें कार्यालयों का निरीक्षण:मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें। कार्यालयों में स्वच्छता की स्थिति देखें और निस्तारित होने के लिए लंबित फाइल के बारे में विस्तार से जानकारी कर कार्रवाई करें। वहीं जन शिकायतों के निस्तारण की स्थिति, कर्मचारियों की उपस्थिति, समयबद्धता की जांच करें।
गेहूं खरीद में न हो कोई गड़बड़ी,पूरी पारदर्शिता बरतें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में एक अप्रैल से शुरू होने वाली गेहूं ख्रारीद में केंद्र पर कहीं भी कोई गड़बड़ी न हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों को समस्या न हो, भंडारण गोदाम हो या क्रय केंद्र, हर जगह गेहूं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। प्रत्येक दशा में किसानों को एमएसपी का लाभ मिलना ही चाहिए।
मुख्यमंत्री बुधवार को अधिकारियों के साथ गेहूं खरीद की समीक्षा कर जरूरी निर्देश दे रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ गेहूं खरीद कराई जाए। किसान को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो। किसानों की उपज का समयबद्ध ढंग से भुगतान कर दिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि फसल बीमा योजना से कवर किसानों के अलावा यदि किसी किसान की फसल बिजली के तार गिरने, आग लगने से जलती है तो मुआवजा दिया जाए।