उत्तर प्रदेश विधानसभा में यूं तो मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में जिस तरह पक्ष और विपक्ष ने एकमत होकर सतीश महाना का चुनाव किया और एक सुर में उन्हें महान बताया गया, लेकिन पहले ही दिन जब सदन में अगले 5 साल का ट्रेलर भी दिख गया। जिस तरह सीएम योगी आदित्यनाथ और नेता विपक्ष अखिलेश यादव के बीच वार-पलटवार हुआ, उससे यह तय हो गया है कि यूपी विधानसभा में इस बार ना सिर्फ योगी सरकार के लिए चुनौती बढ़ गई है, बल्कि राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों यहां अक्सर ‘योगी बनाम अखिलेश’ के मुकाबले देखने को मिलेंगे।
नए कार्यकाल में पहली बार जब नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा में बोलने के लिए उठे तो उन्होंने चुनाव की कड़वाहट को भी याद किया और कहा कि दोनों तरफ से मिसाइलें चल रही थीं तो सभी इससे बचने के लिए अपने तरीके से प्रयास कर रहे थे। सीएम योगी ने स्पीकर चुनाव में पक्ष-विपक्ष के साथ आने को लोकतंत्र की मजबूती बताया लेकिन बातों ही बातों में समाजवादी पार्टी पर निशाना साधने में नहीं चूके। वहीं, जब नेता विपक्ष अखिलेश यादव की बारी आई तो उन्होंने भी पलटवार में कमी नहीं की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव होने के बाद कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने की जिम्मेदारी सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों की है। उन्होंने सदन की कार्यवाही सही तरीके से चलाने की जिम्मेदारी विपक्षी दल सपा पर भी डाली। उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर समाजवादी पार्टी के सदस्यों की ओर इशारा करते हुए चुनाव में नकारात्मकता के लिए भी आड़े हाथों लिया। अखिलेश ने भी कोरोना से लेकर कुछ आपराधिक घटनाओं को उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने सतीश महाना के 35 देश घूमने का जिक्र करते हुए सीएम योगी पर यह कहकर तंज कसा कि कुछ लोग विदेश नहीं जाना चाहते। दरअसल वह भाजपा के उन हमलों पर चुटकी ले रहे थे, जिनमें कहा जा रहा था कि 10 मार्च के बाद अखिलेश विदेश चले जाएंगे। इस दौरान सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों ने हूटिंग भी की।
अखिलेश की एंट्री से रोचक हुआ मुकाबला
2017-2022 के बीच विधानसभा में जहां सत्ताधारी गठबंधन 325 विधायक थे तो महज 47 विधायकों के साथ समाजावादी पार्टी सरकार की मजबूत घेराबंदी नहीं कर पाई। इस बार जहां सत्ता पक्ष में विधायकों की संख्या घटी है तो विपक्ष का संख्याबल मजबूत हो गया है। इसके अलावा अखिलेश यादव ने संसद छोड़कर विधानसभा में एंट्री ले ली है। माना जा रहा है कि सीएम योगी के ठीक सामने बेंच पर बैठकर अखिलेश सरकार से सवाल जवाब करेंगे।