थिंपू
भूटान ने हर मुश्किल में साथ खड़े रहने वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान नगादा पेल गी खोर्लो से नवाजा है। भूटान के राजा और देश के शासक जिग्मे खेसर नामगयेल वांगचुक ने इस पुरस्कार का ऐलान किया है। राजा वांगचुक ने भारत की बिना शर्त दोस्ती और पीएम मोदी के शासनकाल में दिए गए समर्थन को भी याद किया। भारत ने खासतौर पर कोरोना संकट के दौरान भूटान की भरपूर मदद की थी।
भूटान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी इसके हकदार हैं और भूटान की जनता की ओर से बधाई। फेसबुक पर जारी बयान में कहा गया है, ‘सभी मुलाकातों में आप एक महान, आध्यात्मिक इंसान लगे। आपके साथ इस सम्मान का जश्न मनाने को लेकर आशान्वित हूं।’ बता दें कि भारत ने सच्चे पड़ोसी का धर्म निभाते हुए कोरोना महासंकट से जूझ रहे भूटान को कोरोना वैक्सीन की गई खेप भेजी थी।
कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की लाखों डोज भूटान भेजी गई
एयर इंडिया के विमान से ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की लाखों डोज भूटान भेजी गई थी। भारत ने शुरुआती डोज के लिए पैसा नहीं लिया था। इन वैक्सीन की मदद से भूटान ने अपने लोगों का टीकाकरण किया। इस छोटे से पहाड़ी देश की इस सफलता पर दुनिया के सभी देश हैरान रह गए थे। भूटान के कई इलाके तो ऐसे हैं जहां जाने के लिए सड़क भी उपलब्ध नहीं है। बर्फीली नदियों और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से घिरे इस देश ने भारत से मुफ्त में मिली वैक्सीन से सफलता की नई कहानी लिख दी थी।
भूटान के स्वास्थ्य मंत्री डैशो डेचेन वांगमो ने इस सफलता का श्रेय देश के राजा और लोगों को दिया है। उन्होने कहा कि यहां के लोगों ने वैक्सीन लेने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। वहीं, राजा के निर्देशन में पूरा वैक्सीनेशन अभियान बहुत ही प्रभावी ढंग से चला। इस पहाड़ी देश ने वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू करने के लिए पूरे देश के स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया गया। इन लोगों ने एक गांव से दूसरे गांव तक कभी बर्फ तो कभी नदियों को लांघते हुए वैक्सीनेशन का काम जारी रखा।