केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को आगामी 20 दिसंबर को मुख्य अतिथि के रूप में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 58वीं वर्षगांठ परेड में शामिल होने के लिए तैयार हैं। उधर, 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के पूर्व नियोजित साजिश करार देते हुए टेनी के इस्तीफा देने या बर्खास्त करने की मांग के बीच यह सम्मान मिला है। लखीमपुर खीरी हिंसा में टेनी का बेटा आरोपी है। वहीं, बुधवार की एक वीडियो क्लिप में मंत्री को लखीमपुर में पत्रकारों को गाली देते हुए देखा गया, जिसने आग में घी का काम किया है। एसएसबी परेड कई सरकारी कार्यक्रमों में से एक है, अजय मिश्रा टेनी अगले चार दिनों में इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले हैं।
एसएसबी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “सभी को निमंत्रण भेज दिया गया है और उनके कार्यालय ने पुष्टि की है कि वह निश्चित रूप से समारोह में शामिल होंगे। न्यूज 18 के मुताबिक, मंत्री इस अवसर की शोभा बढ़ाएंगे और हमारी 58 वीं वर्षगांठ परेड के मुख्य अतिथि होंगे, जो सोमवार को दिल्ली में होने वाली है।”
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कृषि कानूनों (अब निरस्त हो चुके) के विरोध में लौट रहे टेनी के बेटे आशीष मिश्रा और 12 अन्य लोगों के खिलाफ अक्टूबर में एक तेज रफ्तार एसयूवी ने चार किसानों और एक स्थानीय पत्रकार को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद हुई हिंसा में भाजपा के दो कार्यकर्ता और वाहन के चालक की मौत हो गई। इस घटना में कुल आठ लोगों की मौत हुई थी। राज्य में चुनाव से महीनों पहले हुई इस घटना में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इस घटना को “पूर्व नियोजित साजिश” के रूप में अदालत में एसआईटी द्वारा प्रस्तुत किए जाने के बाद लखीमपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इसे आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 326 (खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना) को जोड़ने की अनुमति दी। एफआईआर में आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी हैं। शस्त्र अधिनियम के तहत प्रासंगिक आरोपों को भी जोड़ने की अनुमति दी गई, जबकि धारा 302 (हत्या) के तहत आरोपों को बरकरार रखा गया।
बुधवार को अपने बेटे के खिलाफ बढ़ाई गई धाराओं पर उनकी प्रतिक्रिया पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री टेनी ने लखीमपुर में पत्रकारों को “चोर” कहते हुए अपना आपा खो दिया। पत्रकारों द्वारा सौंपे गए एक ज्ञापन में टेनी पर उनके साथ हाथापाई करने और एक रिपोर्टर का मोबाइल फोन छीनने का भी आरोप लगाया गया है।
साथ ही घटना का वीडियो भी सामने आया था। जिसमें टेनी “मूर्खों की तरह सवाल मत पूछो। क्या तुम्हारा दिमाग फिर गया है? (दिमाग बुरा है क्या)” कहते हुए देखा और सुना जा सकता है। वीडियो में टेनी आगे कहते हैं, “तुम क्या जानना चाहते हो? आपने एक निर्दोष को आरोपी बना दिया। शर्म नहीं आती?”
पत्रकारों के खिलाफ “अभद्र भाषा” का इस्तेमाल करने के लिए केंद्रीय मंत्री की आलोचना करते हुए विपक्ष ने टेनी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से तत्काल हटाने की मांग की है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में गुरुवार को बार-बार व्यवधान देखा गया क्योंकि विपक्षी दलों ने लखीमपुर खीरी मामले में चर्चा की मांग की थी।