पाकिस्तान के सियालकोट में शुक्रवार को एक फैक्ट्री के मजदूरों ने अपने मैनेजर को बीच सड़क पर जिंदा जला दिया। मैनेजर श्रीलंकाई नागरिक था। उसका नाम प्रियांथा कुमारा बताया गया है। सभी मजदूर पाकिस्तानी बताए गए हैं। घटना की वजह का अब तक पता नहीं लगा है। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। 2010 में भी इसी तरह की घटना हो चुकी है। प्रियांथा ने हाल ही में बतौर एक्सपोर्ट मैनेजर सियालकोट की इस फैक्ट्री को ज्वॉइन किया था।
हालात तनावपूर्ण
‘द डॉन न्यूज’ के मुताबिक, घटना शुक्रवार दोपहर की है। सियालकोट के वजीराबाद रोड इलाके में एक मल्टीनेशनल फैक्ट्री है। यहां अचानक हंगामा हो गया। हालांकि, इसकी वजह अब तक साफ नहीं हो पाई है। यहां मजदूरों की भीड़ ने फैक्ट्री के एक्सपोर्ट मैनेजर को पहले बाहर निकालकर पीटा। जब उसकी मौत हो गई तो उसे सड़क पर ही जला दिया गया। सियालकोट के पुलिस ऑफिसर उमर सईद मलिक ने कहा- मारे गए व्यक्ति का नाम प्रियांथा कुमारा है। वो श्रीलंकाई नागरिक था।
वीडियो वायरल
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इनमें देखा जा सकता है कि कुछ लोग एक शख्स को पहले पीटते हैं, बाद में उसे जला देते हैं। इस दौरान नारेबाजी भी सुनाई देती है। घटना के बाद पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने कहा- यह दिल दहला देने वाली घटना है। मैंने इसकी रिपोर्ट तलब की है। मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी। जो लोग भी इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। राज्य के आला अफसर जांच करेंगे।
वजह, कुछ संकेत
सियालकोट में 2010 में भी इसी तरह की घटना हुई थी। तब भीड़ ने दो भाईयों को लुटेरे बताकर उन्हें जिंदा जला दिया था। इसके भी वीडियोज सामने आए थे। आशंका है कि प्रियांथा पर ईशनिंदा जैसा कोई आरोप लगया गया होगा। पाकिस्तान में कई मामलों में इसी तरह के आरोप सामने आए हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज में अगर नारेबाजी को ध्यान से सुनें तो लगता है कि इस घटना को ईशनिंदा के आरोप में ही अंजाम दिया गया है। नारेबाजी उसी तरह की हो रही है जो अमूमन पाकिस्तान तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) के समर्थक करते हैं। इसने पिछले दिनों फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने की मांग करते हुए मार्च निकाला था। इस दौरान 12 पुलिसवाले मारे गए थे।