विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आसिम इफ़्तिखार ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में कहा, “पाकिस्तान को ‘विशेष चिंता वाले देश’ की श्रेणी में डालना ज़मीनी हक़ीक़त के बिल्कुल ख़िलाफ़ है और इस प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है.”
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाले देशों के लिए ‘कंट्रीज़ ऑफ़ पर्टीकुलर कंसर्न’ यानी सीपीसी की सूची जारी की है.
धार्मिक आज़ादी का आकलन करने वाले एक अमेरिकी पैनल ‘यूएस कमिशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ़्रीडम’ की इस लिस्ट में भारत का नाम शामिल करने का सुझाव दिया था लेकिन इसके बावजूद बाइडन प्रशासन ने भारत का नाम सूची में शामिल नहीं किया.
इस सूची में पाकिस्तान, चीन, तालिबान, ईरान, रूस, सऊदी अरब, एरिट्रिया, ताज़िकिस्तान, तुर्केमेनिस्तान और बर्मा सहित 10 देशों को शामिल किया गया है.
हर साल अमेरिका ऐसे देशों और संगठनों की सूची जारी करता है, जो अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं. इसके अलावा अमेरिका ने अल्जीरिया, कोमोरोस, क्यूबा और निकारागुआ को विशेष निगरानी सूची में रखा है, जो धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन में शामिल हैं.
ये सूची जारी करते हुए ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका हर देश में धर्म की स्वतंत्रता की वकालत करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमने पाया है कि दुनिया भर में बहुत से देशों में सरकारें लोगों को अपनी मान्यताओं के अनुसार जीवन जीने के कारण परेशान, गिरफ्तार कर जेल में डाल देती हैं, उन्हें पीटा जाता है.
लेकिन, पाकिस्तान ने इस सूची में अपना नाम होने और भारत को इसमें ना शामिल करने का विरोध किया है.
पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता का दावा
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि निजी विचारों के आधार पर बनाई गई इस तरह की श्रेणी दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में कोई योगदान नहीं देती है.
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान और अमेरिका के बीच इस विषय पर द्विपक्षीय स्तर पर बातचीत चल रही है लेकिन इस सूची में इस बात को अनदेखा किया गया.”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान का समाज अंतरधार्मिक सद्भाव की समृद्ध परंपरा के साथ बहुधार्मिक और अनेकतावादी है. संविधान में अल्पसंख्यकों को धार्मिक स्वतंत्रता और अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी दी गई है और कई क़ानूनों, नीतियों और प्रशासनिक उपायों के ज़रिए इसे सुनिश्चित किया गया है.”