प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे ने निराश किया है।
केदारनाथ धाम का दौरा घोर निराशाजनक
कांग्रेस ने कहा कि न देवस्थानम बोर्ड पर, न कुमाऊं की आपदा के पैकेज पर, न बेरोजगारों पर और न ग्रीन बोनस पर प्रधानमंत्री ने कोई घोषणा की। पीएम का प्रवचन केवल अपने चुनावी एजेंडे पर केंद्रित रहा। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ धाम दौरे को उत्तराखंड की जनता के लिए घोर निराशाजनक बताया।
केदारनाथ दौरे से जो उम्मीदें थीं वो धराशायी हो गईं
कहा कि चारों धामों के तीर्थ-पुरोहितों को बेरोजगारों और किसानों को प्रधानमंत्री मोदी के केदारनाथ दौरे से जो उम्मीदें थीं वो धराशायी हो गईं हैं। प्रधानमंत्री ने 50 मिनट लंबा प्रवचन दिया तो लेकिन उत्तराखंड के चारों धामों में लंबे समय से देवस्थानम बोर्ड को खत्म करने के लिए चल रहे तीर्थ-पुरोहितों व हकहकूक धारियों आंदोलन पर पीएम एक शब्द नहीं बोले।
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड को कोई राहत न देकर मायूस किया है। मैं उनके इस दौरे को एक आत्ममुग्ध शासक द्वारा हमारे आराध्यस्थल का अपने राजनीतिक हित में किए गए प्रयोग से ज्यादा कुछ नहीं मानता हूं।
– गणेशी गोदियाल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
केदारनाथ दौरा विशुद्ध रूप से राजनीतिक
देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैं तो ड्रोन से निगरानी कर रहा था, लेकिन इससे बात नहीं बनती है। बात बनती है धन उपलब्ध कराने से। इसलिए केंद्र और राज्य की दोनों सरकारें पूरी तरह से विफल साबित हुई हैं। प्रधानमंत्री सैनिकों के नाम पर भी राजनतिक कर रहे हैं। उत्तराखंड के लोग अब भाजपा और प्रधानमंत्री के चाल-चरित्र और चेहरे को पहचान गए हैं।
डबल इंजन की सरकार ने जो वादे उत्तराखंड के लोगों से किए थे, उनमें से एक भी वादा सत्ता में बैठे हुए लोगों ने पूरा नहीं किया। किसानों से ऋण माफी का वादा, रोजगार का वादा, महंगाई को कम करने का वादा सबकी स्थिति लोगों के सामने है। कोरोना की महामारी में लड़ने में केंद्र और राज्य की सरकार पूरी तरह से नाकाम रही। अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। विकास के कार्य ठप पड़े हैं। कोरोना टेस्टिंग में घोटाला सबके सामने है। सौ दिन में लोकायुक्त लाने वाली भाजपा, आज तक लोकायुक्त नहीं ला पाई।