इंजन ऑयल आपकी कार या बाइक की सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं. इंजन ऑयल ही इंजन की परफॉरमेंस और लाइफ दोनों बढ़ाता है. आपको अपनी गाड़ी के लिए सही इंजन ऑयल का चुनाव करना चाहिए. हर इंजन के लिए अलग-अलग तरह के इंजन ऑयल की जरूरत होती है. हम आपको बताएंगे कि कैसे सही ऑयल का चुनाव करना है.
कितनी तरह के होते हैं इंजन ऑयल
बाजार में आमतौर पर तीन तरह के इंजन ऑयल मिलते हैं. इनमें मिनरल ऑयल, सेमी-सिंथेटिक ऑयल और फुली सिंथेटिक ऑयल शामिल है. इन तीनों ऑयल का ग्रेड अलग-अलग है. आप अपनी गाड़ी की इंजन ऑयल के ग्रेड के बारे में जानकारी या तो व्हीकल कंपनी की डीलरशिप से या फिर गाड़ी की बुकलेट से ले सकते हैं.
मिनरल इंजन ऑयल
-
- ये परिष्कृत पेट्रोलियम ऑयल है.
-
- अधिकांश कारों और बाइक्स में इसका इस्तेमाल होता है.
-
- यह फ्रिक्शन से पैदा होने वाली गर्मी से सुरक्षा के लिए पर्याप्त लुब्रिकेशन और प्रोटेक्शन देता है.
-
- यह सामान्य तापमान में बेहतर काम करता है.
-
- अधिक ठंडे या ज्यादा गर्म तापमान में यह काम नहीं करता.
-
- सेमी-सिंथेटिक या फुली सिंथेटिक ऑयल की तुलना में यह सस्ता होता है.
सेमी-सिंथेटिक ऑयल
-
- यह मिनरल और फुली-सिंथेटिक के बीच का इंजन ऑयल है.
-
- इसमें सिंथेटिक ऑयल की थोड़ी मात्रा मिनरल ऑयल में मिलाई जाती है.
-
- ऐसा करने से ऑयल की गुणवत्ता बढ़ जाती है लेकिन कीमत में ज्यादा इजाफा नहीं होता.
-
- कम तापमान में भी यह अच्छी चिपचिपाहट देता है.
-
- अधिक तापमान में अच्छा प्रतिरोध देता है.
-
- यह मिनरल ऑयल से बेहतर है लेकिन फुली सिंथेटिक ऑयल से अच्छा नहीं है.
फुली-सिंथेटिक ऑयल
-
- इसे बेहतरीन लुब्रिकेशन के लिए जाना जाता है.
-
- इनकी पररफॉरमेंस भी शानदार होती है.
-
- फुली सिंथेटिक इंजन ऑयल वाले वाहन ज्यादा माइलेज भी देते हैं.
-
- यह अधिकतम और न्यूनतम तापमान पर भी बढ़िया काम करता है.
-
- यह ऑयल बाकी दोनों ऑयल से महंगा है.
इन बातों का रखें ध्यान
-
- बाजार में इनके अलावा भी कुछ और इंजन ऑयल मिलते हैं.
-
- अगर इन इंजन ऑयल की परफॉर्मेंस के बारे में पता करना है तो इनकी विस्कोसिटी ग्रेड यानि चिपचिपाहट से पता चल सकता है.
-
- कम चिपचिपाहट का मतलब है कि ऑयल पतला है और इंजन में तेजी से जगह बनाएगा.
- ज्यादा चिपचिपाहट का मतलब है ऑयल भारी है और इंजन में धीरे-धीरे जगह बनाएगा.