भरपेट खाने के लिए तरस रही उत्तर कोरिया की जनता को तानाशाह किम जोंग उन ने आदेश दिया है कि वह साल 2025 तक खाना कम खाए। किम जोंग अपने इस तुगलकी आदेश के जरिए उत्तर कोरिया में खाद्यान संकट को कम करना चाहता है। उत्तर कोरिया में आपूर्ति की भारी कमी के कारण खाद्यान की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। हालत यह है कि उत्तर कोरियाई लोगों की डिमांड ही पूरी नहीं हो पा रही है।
किम जोंग उन ने खाद्यान संकट के लिए कई कारणों को जिम्मेदार ठहराया और कहा, ‘लोगों के खाद्यान का संकट बहुत चिंताजनक हो गया है क्योंकि कृषि क्षेत्र खाद्यान के उत्पादन की योजना में फेल साबित हुआ है।’ उत्तर कोरिया पर कई तरह के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे हैं जिससे खाद्य संकट और ज्यादा गंभीर हो गया है। इसके अलावा कोरोना वायरस और पिछले आया समुद्री तूफान भी इस संकट के लिए जिम्मेदार है।
साल 2025 तक चल सकता है खाने का यह संकट
तानाशाह ने हाल ही में हुई भारी बारिश के बाद सेना को प्रभावित इलाकों में तैनात किया है। एक सूत्र ने रेडियो फ्री एशिया से कहा कि दो सप्ताह पहले किम ने कहा है कि खाने का यह संकट साल 2025 तक चल सकता है। अधिकारियों का कहना है कि उत्तर कोरिया और चीन के बीच व्यापार की फिर से शुरुआत साल 2025 से पहले खत्म होती नहीं दिख रही है।
इस संकट के बीच सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के सेंट्रल मिलिट्री कमिशन ने देश के दक्षिणी हमग्योंग इलाके में एक बैठक की है ताकि इस भयानक स्थिति पर चर्चा की जा सके। इससे पहले किम जोंग उन ने देशवासियों को चेतावनी दी थी कि देश में खाद्यान का गंभीर संकट पैदा हो सकता है। किम जोंग ने अधिकारियों से कहा कि वे कृषि उत्पादन बढ़ाने के तरीके खोजें। उन्होंने कहा कि लोगों का खाद्यान संकट अब तनावपूर्ण होता जा रहा है। उत्तर कोरिया में खाद्य संकट गहराने के बीच देश ने आपात सैन्य भंडार से आम नागरिकों को चावल की आपूर्ति की है। पर्यवेक्षकों ने उत्तर कोरिया में अगली फसल होने तक संकट और गहराने का अंदेशा जताया है।