बांग्लादेश (Bangladesh) में दुर्गा पूजा (Durga Puja) के बाद फैले सांप्रदायिक दंगों (communal violence) में दो हिंदुओं की मौत हो गई है. पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि दंगों में मरने वालों की संख्या अब तक छह हो चुकी है. दुर्गा पूजा समारोह के दौरान एक हिंदू देवता के घुटने पर कुरान रखे जाने के फुटेज सोशल मीडिया वायरल होने के बाद यह हिंसा शुरू हुई थी.
पुलिस ने कहा कि ताजा हिंसा दक्षिणी शहर बेगमगंज में हुई, जब सैकड़ों लोगों ने दुर्गा पूजा के अंतिम दिन जुमे की नमाज के बाद सड़क पर जुलूस निकाला. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें भारत विरोधी नारे लगाए गए और प्रधानमंत्री शेख हसीना पर नई दिल्ली के करीब होने का आरोप लगाया गया है.
स्थानीय पुलिस थाने के प्रमुख शाह इमरान ने कहा कि 200 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने एक मंदिर पर हमला किया, जहां हिंदू समुदाय के लोग 10 दिन के इस उत्सव का अंतिम दिन की तैयारी कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमलावरों ने मंदिर समिति के एक कार्यकारी सदस्य की पीट-पीटकर हत्या कर दी. जिला पुलिस प्रमुख शाहिदुल इस्लाम ने बताया कि शनिवार सुबह मंदिर के बगल में एक तालाब के पास एक और हिंदू व्यक्ति का शव मिला. उन्होंने कहा, “कल के हमले के बाद से दो लोगों की मौत हो गई है. दोषियों की तलाश जारी है.’
क्यों फैली हिंसा?
कुरान की घटना के सोशल मीडिया पर फुटेज सामने आने के बाद इस सप्ताह पूरे बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा एक दर्जन से अधिक जिलों में फैल गई. हाजीगंज में एक हिंदू मंदिर पर हमला करने वाले लगभग 500 लोगों की भीड़ पर पुलिस ने गोलीबारी की, इसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई.
150 हिंदू घायल, 80 अस्थायी मंदिरों पर हमले
समुदाय के नेता गोबिंद चंद्र प्रमाणिक ने बताया कि देश भर में कम से कम 150 हिंदू घायल हुए हैं. कम से कम 80 अस्थायी मंदिरों पर हमला किया गया है. 17 करोड़ की आबादी वाले बांग्लादेश में हिंदू अक्सर सांप्रदायिक हिंसा का शिकार होते रहते हैं. हिंसा से निपटने के लिए 22 जिलाें में अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया है.
शुक्रवार को राजधानी ढाका और चटगांव में हिंसा भड़क उठी, जिसके बाद पुलिस ने ईंट फेंकने वाले हजारों मुस्लिम प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां चलाईं. हिंसा को फैलने से रोकने के लिए हाई-स्पीड मोबाइल फोन इंटरनेट सेवाओं को एक स्पष्ट बोली में बंद कर दिया गया था.