गोरखपुर में विजयदशमी के मौके पर ढोल-नगाड़े और तुरही की धुन के बीच धूमधाम से गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भव्य शोभायात्रा निकलेगी। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुक्रवार शाम 4 बजे निकलने वाली यात्रा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बृहस्पतिवार को दिन भर पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी सुरक्षा इंतजाम और शोभायात्रा मार्ग की साफ सफाई करवाने में जुटे रहे। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुली जीप में बने रथ पर सवार होकर इस शोभायात्रा की अगुवाई करेंगे।
परंपरा के अनुसार, विजयादशमी के दिन गुरु गोरक्षनाथ के पूजन-अर्चन के बाद शाम 4 बजे गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा निकालेगी जो सीधे मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी। यहां गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर महादेव की पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद उनकी शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी। यहां चल रही रामलीला में वह प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे। साथ ही प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारेंगे।
शोभायात्रा के पहले तिलकोत्सव
विजयादशमी के दिन शुक्रवार को 3 बजे तिलक हाल में पारंपरिक तिलकोत्सव कार्यक्रम आयोजित होगा। गोरक्षपीठाधीश्वर, श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान करेंगे। भजन कीर्तन का भी आयोजन किया जाएगा। गोरक्षपीठाधीश्वर पीठ से जुड़े योगी, महंत, पुजारी, पुरोहित मंगल पाठ के बीच तिलक का आशीर्वाद लेंगे। उसके बाद गृहस्थ शिष्य तिलक कर आशीर्वाद ग्रहण करेंगे। तिलकोत्सव का यह कार्यक्रम एक घंटे तक चलेगा। उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के चेयरमैन चौधरी कैफुल वरा हर साल की तरह इस बार भी गोरक्षपीठाधीश्वर की विजयादशमी शोभायात्रा का स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि समाज के लोगों में काफी उत्साह है। शुक्रवार को काफी संख्या में मुस्लिम समाज जुलूस की आगवानी करेगा।
शोभायात्रा के बाद मंदिर में होगा सहभोज
दंडाधिकारी की भूमिका में होंगे योगी
गोरखनाथ मंदिर में विजयादशमी पर्व की शुरूआत शुक्रवार की सुबह 9 बजे श्रीनाथ जी(शिवावतारी गुरु गोरक्षनाथ) के विशिष्ठ पूजन से होगी। गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री मुख्य मंदिर में श्रीनाथ जी एवं सभी देवों पूजन करेंगे। सभी को भोग लगाएंगे। उसके बाद वह हमेशा की तरह सीएम योगी आदित्यनाथ गोशाला जाएंगे जहां गो सेवा कर गाय का पूजन करेंगे और उन्हें गुड़ व चना खिलाकर दुलार करेंगे। इसके बाद गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री पारण करेंगे।
हर साल गोरखनाथ मंदिर में विजयादशमी की रात पात्र पूजा का अनुष्ठान होता है। गोरक्षपीठाधीश्वर पात्र देवता के रूप में प्रतिष्ठित होते हैं। रात 9.30 बजे से शुरू होने वाले इस पूजन में पात्र देवता गोरक्षपीठाधीश्वर दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं। पूजन के बाद संतों-योगियों की अदालत लगती है जिसमें नाथपंथ की परम्परा के अनुसार हर वर्ष विजयादशमी की रात गोरखनाथ मंदिर में पात्र देवता पीठाधीश्वर संतों के विवादों का निस्तारण करते हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ नाथपंथ की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्यक्ष भी हैं। इसी पद पर वह दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर संतो के आपसी विवाद सुलझाते हैं।