रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कहा कि युद्ध में महारत हासिल किए हुए इराकी और सीरियाई आतंकी अफगानिस्तान में दाखिल हो रहे हैं। पूर्व-सोवियत स्टेट के सिक्योरिटी सर्विस प्रमुखों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात सामान्य नहीं हैं। इराक और सीरिया के आतंकी, जिन्हें सैन्य ऑपरेशन्स में महारत हासिल है, यहां तेजी से घुस रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आशंका है कि आतंकी पड़ोसी देशों में भी अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये आतंकी सीधे तौर पर सीमा विस्तार की भी कोशिश कर सकते हैं। पुतिन ने लगातार चेतावनी दी है कि चरमपंथी समूह अफगानिस्तान संकट का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका उद्देश्य अफगान रिफ्यूजी बनकर पूर्व सोवियत देशों में दाखिल होने का है।
मध्य एशिया में अस्थिरता के खतरे को लेकर चिंतित है रूस
अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार को लेकर रूस का रवैया सकारात्मक रहा है, फिर भी रूसी सरकार अफगानिस्तान की अस्थिरता को लेकर चिंतित है। रूस को डर है कि यह अस्थिरता मध्य एशिया में भी फैल सकती है, जहां रूस ने अपने मिलिट्री बेस बना रखे हैं। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद रूस ने सोवियत संघ का हिस्सा रहे ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान में मिलिट्री ड्रिल आयोजित कीं। दोनों देश अफगानिस्तान के साथ बॉर्डर शेयर करते हैं।
ताजिकिस्तान में अफगानिस्तान से ड्रग तस्करी बढ़ने का खतरा
ताजिकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख सैमुमिन यतिमोव ने कहा कि उन्होंने नोटिस किया है कि अफगानिस्तान से उनके देश में ड्रग्स, हथियार और गोला-बारूद की तस्करी करने की कोशिशों में इजाफा हुआ है। अफगानिस्तान लंबे समय से दुनिया में ओपियम और हेरोइन का सबसे उत्पादक बना हुआ है। इस अवैध व्यापार से होने वाले फायदे से तालिबान को फंड किया जाता है।
इससे पहले बुधवार को फ्रांसिसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ताजिकिस्तानी नेता इमाेमाली रखमोन से पेरिस में मिले थे। मुलाकात में दोनों नेताओं ने तय किया था कि मध्य एशिया में स्थिरता बनाए रखने की दिशा में काम करेंगे।