अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बीच प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल प्रशांत किशोर का कांग्रेस में शामिल होना टल गया है। क्योंकि राहुल, सोनिया गांधी और प्रशांत किशोर के बीच सहमति नहीं बन पाई है। ये कोई पहली बार नहीं है जब प्रशांत का नाम कांग्रेस के साथ जोड़ा जा रहा है।
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के लिए साल 2017 के चुनावों के लिए रणनीति भी तैयार की थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कुछ खास कमाल नहीं कर पाई थी, लेकिन पार्टी को पंजाब में बहुमत मिल गया था। प्रशांत किशोर से एक इंटरव्यू के दौरान इस बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था, ‘मैं राहुल गांधी से पहली बार नीतीश कुमार जी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मिला था। वह चाहते थे कि मैं 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में उनके लिए काम करूं, लेकिन ये फैसला मेरे लिए भी इतना आसान नहीं था।’
प्रशांत किशोर आगे कहते हैं, ‘जब आप जवान होते हैं तो कई फैसले बिना सोचे-समझे भी लेते हैं। ये तो सच है कि शुरू में मैं थोड़ा कंफ्यूज था इस फैसले को लेकर और मैंने अपने साथियों से इस पर बात भी की थी। उन्होंने भी मुझे कहा था कि यूपी एक बड़ा टास्क है अगर इसमें हमें कामयाबी मिल जाती है तो ये हमारे लिए बड़ी कामयाबी साबित होगी। हमने इसके बाद कांग्रेस के लिए यूपी चुनावों से पहले पूरा एक ढांचा तैयार किया था। हमारे प्रचार का असर भी हुआ था। लेकिन बाद में सपा के साथ गठबंधन कांग्रेस के लिए हानिकारक साबित हुआ।’
बनर्जी से मुलाकात: गौरतलब है कि साल 2015 के बिहार विधानसभा के लिए प्रशांत किशोर ने जेडीयू के लिए रणनीति तैयार की थी। नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे और उनके शपथ ग्रहण समारोह में कई विपक्षी दलों के नेता भी पहुंचे थे। यहां मौजूद थे और उनकी मुलाकात ममता बनर्जी से भी यहीं हुई थी। इंडिया टुडे से बात करते हुए प्रशांत ने बताया था, मुझसे उस समय पश्चिम बंगाल के लिए मदद मांगी थी तो मैंने कहा था कि आप चुनाव बिल्कुल आराम से जीत रहे हो। इसलिए हमारी मदद की अभी कोई जरूरत नहीं है।