सनराइजर्स हैदराबाद के पूर्व कप्तान डेविड वार्नर के लिये आईपीएल का मौजूदा सीजन किसी बुरे सपने से कम नहीं है. इस सीजन में उनका बल्ला भी पूरी तरह खामोश रहा और उनसे कप्तानी भी छीन ली गई. कयास लगाए जा रहे हैं कि डेविड वार्नर अगले सीजन के लिये हैदराबाद की तरफ से रिटेन नहीं किये जाएंगे.
हैदराबाद मेरे दूसरे घर की तरह- वार्नर
डेविड वार्नर भावुक कर देने वाली बात कहते हुए कहा कि कभी-कभी आपको संकेत मिलता है कि आपको फ्रेंचाइजी द्वारा रिटेन नहीं किया जाएगा. मैं अगले साल हैदराबाद का हिस्सा बनना चाहूंगा. हैदराबाद मेरा दूसरा घर है.
उन्होंने कहा कि मुझे फैंस से बहुत प्यार मिला है. मैं अगले साल उनके लिए खेलना चाहता हूं, लेकिन यह सब फ्रेंचाइजी और मैनेजमेंट पर निर्भर करेगा. अगले साल मेगा ऑक्शन भी होना है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता क्यों मुझे कप्तानी से हटाया गया. लेकिन आपको बढ़ना होता है. वॉर्नर की जगह केन विलियमसन को टीम का कप्तान बनाया गया था.
वार्नर पर कई टीमों की नजर
डेविड वार्नर को अपने खेमे में करने के लिये कई फ्रेंचाइजी बड़ा दांव चल सकती हैं. खराब फॉर्म में होने के बावजूद वार्नर मैच विनर बल्लेबाज माने जाते हैं. हालांकि डेविड वॉर्नर को मौजूदा सीजन में 8 मैच में ही खेलने का मौका मिला. उन्होंने 24 की औसत से 195 रन बनाए और 2 अर्धशतक ठोके. वार्नर को आरसीबी और दिल्ली कैपिटल्स में शामिल किया जा सकता है.
इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 108 का रहा. 2009 के बाद वॉर्नर एक सीजन में 200 रन के आंकड़े को नहीं छू सके. वे लगातार 6 सीजन में 2014 से 2020 तक 500 से अधिक रन बनाने वाले इकलौते बल्लेबाज हैं. पिछले सीजन में उन्होंने 16 मैच में 39 की औसत से 548 रन बनाए थे. 4 अर्धशतक लगाया था. स्ट्राइक रेट 135 का रहा था.
हैदराबाद से बाहर होने पर डेविड वॉर्नर का छलका दर्द
हैदराबाद से बाहर होने के बाद एक बार फिर से वॉर्नर ने अपना दर्द बयां किया है. वॉर्नर ने कहा है कि किसी ने उन्हें यह तक नहीं बताया कि क्यों उनसे कप्तानी छीनी गई. उन्होंने कहा कि टीम मालिकों के साथ-साथ स्पोर्ट स्टाफ के लिए भी उनके मन में काफी सम्मान है.
ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज ने हालांकि साथ ही कहा कि जब भी कोई निर्णय लिया जाता है, तो इसे सर्वसम्मति से लिया जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि वार्नर की ही कप्तानी में हैदराबाद ने 2016 में आरसीबी को हराकर आईपीएल का खिताब जीता था. इसके बाद उन्हें 2018 में टीम की ओर से खेलने से रोक दिया गया था क्योंकि उन पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे थे.