पानीपत’ और ‘सरदार का ग्रैंडसन’ जैसी चर्चित फिल्मों से हिंदी सिनेमा में अपने लिए एक अलग स्थान बनाने की कोशिशों में लगे अभिनेता अर्जुन कपूर के करियर के अच्छे दिन आने वाले हैं। ब्रांड एंडोर्समेंट बाजार में उनकी वैल्यू लगातार बढ़ रही है। मोहब्बत की कहानियों की समय के हिसाब से बदलती दुनिया में भी वह एक ‘बागी’ बनकर उभरे हैं। युवाओं की नई सोच का आइना बन चुके अर्जुन कपूर का निशाना अब हिंदी सिनेमा के उस स्थान पर है, जहां कभी सुनील दत्त, संजीव कुमार और राजेंद्र कुमार जैसे सितारों की जगह हुआ करती थी। ये सारे सितारे कभी नंबर वन की रेस में नहीं रहे लेकिन इनकी फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों का प्यार लगातार मिलता रहा। अर्जुन कपूर भी अपनी तीन नई फिल्मों के चलते इसी कतार में शामिल होते दिख रहे हैं।
दिबाकर बनर्जी की फिल्म ‘संदीप और पिंकी फरार’ में एक हरियाणवी पुलिस वाले के किरदार को अर्जुन कपूर अपने करियर का टर्निंग प्वाइंट मानते हैं। फिल्म में उनके प्रदर्शन की फिल्म जगत में तारीफ भी हुई। मोटापे को मात देने के चलते अर्जुन कपूर युवाओं में फिटनेस आइकन भी बनते दिख रहे हैं। और, यही वजह है कि अब दिग्गज फिल्म निर्माता उन्हें सोलो हीरो के तौर पर लेने से हिचकिचा भी नहीं रहे। निर्देशक मोहित सूरी की फिल्म ‘एक विलेन 2’ को उनकी हिंदी सिनेमा में लंबी छलांग माना जा रहा है तो विशाल भारद्वाज के बेटे आसमान की बतौर डायरेक्टर डेब्यू फिल्म ‘कुत्ते’ और अजय बहल की हाल ही में घोषित हुई फिल्म ‘लेडीकिलर’ ने भी उनके करियर को एक नई ऊंचाई तक पहुंचा दिया है।
अपनी इन नई उपलब्धियों पर अर्जुन कपूर कहते हैं, “फिल्म ‘संदीप और पिंकी फरार’ मेरे करियर के लिए एक गेम चेंजर रहा है। इसने मुझे एक ऐसे किरदार में प्रस्तुत किया जिसे दर्शकों ने पहले कभी नहीं देखा और मैं तहे दिल से आभारी हूं कि उन्होंने फिल्म में मेरे प्रदर्शन को पसंद किया।” फिल्म ‘संदीप और पिंकी फरार’ कोरोना की दूसरी लहर से ठीक पहले सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म है। बाद में इसे ओटीटी पर भी रिलीज किया गया। इस फिल्म के बाद ही अर्जुन कपूर को फिल्म निर्माताओं ने नए नजरिये से नोटिस करना शुरू किया है।
फिल्म ‘संदीप और पिंकी फरार’ को अपनी अदाकारी की नई शो रील माने जाने के बारे में अर्जुन कपूर कहते हैं, “इस फिल्म ने मेरे लिए कई दरवाजे खोल दिए हैं और फिल्म निर्माता मुझे अपने उदार दृष्टिकोण से भरपूर प्रोजेक्ट्स में कास्ट करना चाहते हैं। ‘लेडीकिलर’ और ‘कुत्ते’ जैसी फिल्में इस बात के उदाहरण हैं कि आज फिल्म उद्योग मुझे कैसे देख रहा है और एक अभिनेता के रूप में ये मेरे अच्छे दिन चल रहे हैं और मैं इससे ज्यादा भाग्यशाली नहीं हो सकता।”
अर्जुन कपूर की हालिया घोषित फिल्म ‘लेडी किलर’ उन्हें एक हकीकत के करीब की कहानी में पेश करने जा रही है। ये कहानी एक ऐसे युवा की है जो एक महात्वाकांक्षी लेकिन मानसिक रूप से अजीब सी चालें चलने वाली महिला के प्यार में पड़ जाता है। दोनों का प्यार क्या खतरनाक मोड़ लेता है और कैसे दोनों की अलग अलग शख्सीयतें एक दूसरे को चाहते हुए भी एक दूसरे के ही आमने सामने आ जाती हैं, यही इस फिल्म का सार है। वहीं, फिल्म ‘कुत्ते’ को विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘कमीने’ का अगला संस्करण माना जा रहा है। विशाल भारद्वाज के बेटे आसमान इस फिल्म के जरिये हिंदी सिनेमा में कहानी कहने का एक नया ढंग भी शुरू करने का इरादा रखते हैं।