दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) बनाने वाली कंपनी टेस्ला (Tesla) को भारत सरकार ने दो टूक कह दिया है कि चीन में बनी इलेक्ट्रिक कारों को भारत में नहीं बेचें. फिलहाल टेस्ला का भारत में ‘मेड इन चाइना’ कार बेचने की योजना पर पानी फिर गया है.
दरअसल, इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि सरकार ने टेस्ला को सलाह दी है कि वो भारत में ही कार बनाकर बेचे और निर्यात भी करे. कंपनी ने भी संकेत दिया है कि वह जल्द ही भारत में प्लांट शुरू करेगी और फिर यहीं पर इलेक्ट्रिक कारों का प्रोडक्शन होगा.
चीन में बनी कारें भारत में न बेचने की सलाह
सीमा पर तनाव की वजह से भारत और चीन (China) के कारोबारी रिश्तों पर भी असर दिख रहा है. दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वो भारत में चीन में बनी हुई कारों को नहीं बेचें. टेस्ला ने अमेरिका से बाहर सबसे पहला प्लांट चीन में लगाया है. कंपनी चीन से ही यूरोप और दूसरे देशों में टेस्ला ई-कारों को एक्सपोर्ट करती है.
लेकिन भारत को ये पसंद नहीं है. नितिन गडकरी ने टेस्ला से कहा है कि वो भारत में प्लांट स्थापित करे और यहीं से ई-कारें दूसरे देशों को निर्यात करे. टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन जल्द ही भारत में शुरू होने की उम्मीद है. मुमकिन है कि आने वाले कुछ महीनों में एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक कार लॉन्च कर देगी. इसके संकेत भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिए हैं. उन्होंने कहा है कि भारतीय बाजार में एंट्री के लिए टेस्ला और सरकार के बीच लगातार बातचीत चल रही है.
सरकार टेस्ला को मदद के लिए तैयार
नितिन गडकरी ने कहा कि टेस्ला को भारत में उत्पादन शुरू करने और यहां से कारें दूसरे देशों को एक्सपोर्ट करने में जो भी मदद चाहिए उसके लिए सरकार तैयार है. टेस्ला की कारों की मौजूदा कीमत भारत के लिहाज से काफी ज्यादा मानी जा सकती है. लेकिन गडकरी का कहना है कि टेस्ला की कारों की कीमत कंपनी की बाकी कारों से किफायती होगी.
टेस्ला भारत में ही कारें बनाकर बेचेगी, जिसके लिए यहां के वेंडर्स भी तैयार हैं, और इसकी कीमत 35 लाख के आसपास होगी. टेस्ला के आने से इलेक्ट्रिक वाहनों के भारतीय बाजार को भी सहारा मिलेगा. ई-कारों पर रिसर्च कर रही भारतीय कार कंपनियां भी आने वाले दिनों में टेस्ला का मुकाबला करने में सक्षम हो जाएंगी. इससे पेट्रोल-डीजल पर कुछ देशों का कंट्रोल खत्म हो जाएगा.