मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर विभाग मिलकर कम करें तभी परिणाम मिलेगा। कोरोना काल में यह साबित हो गया है। अब सबकी सेहत की सुरक्षा का संकल्प लेना होगा। यूपी के 38 जिलों में इंसेफेलाइटिस को टीम के जरिए खत्म किया गया। वह आयुष्मान कार्ड वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कई लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड भी वितरित किए।
उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा जोर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने पर है। कोविड के दौरान हमारे सामने चुनौती थी लेकिन सभी के समन्वय से सफलता मिली। श्रम विभाग में पंजीयन वालों को दो लाख की सामाजिक सुरक्षा और पांच लाख का बीमा कवर दे रहे है। 40 लाख अंत्योदय वाले भी शामिल हो रहे है। ऐसे में प्रदेश की बड़ी आबादी कवर हो जाएगी। लोगों की इलाज कराने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। अब लोग कारपोरेट अस्पताल में भी इलाज करा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से यह संभव हुआ।
उन्होंने कहा कि हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर प्रधानमंत्री का जोर है। मोदी ने एम्स 6 से बढ़कर 22 कर दिए। मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ी है। 1947 से 2016 तक सिर्फ 15 मेडिकल कॉलेज थे। अब 49 मेडिकल कॉलेज तैयार हो रहे हैं। 16 पीपीपी मॉडल पर बन रहे हैं। पांच साल पूरा होने पर हर जिले में एक मेडिकल कालेज होगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में सिर्फ कोविड के लिए 1.80 लाख बेड तैयार हैं। जब पहला मरीज मिला तो जांच की सुविधा नहीं थी। पहली लैब 23 मार्च को केजीएमयू में बनाई गई। तब सिर्फ 72 सैंपल की जांच हुई। यूपी में अब चार लाख टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता हो गई है।
ऑक्सीजन उपलब्धता की ऑडिटिंग करवाई
कुछ राज्य पॉलिटिकल ब्लैक मेलिंग कर रहे थे लेकिन ऑडिट से ऑक्सीजन की जरूरत आधी हो गई है। करीब 549 में से 497 ऑक्सीजन प्लांट लग चुके हैं। पहले चरण में ऑक्सीजन के लिए उद्योग को बंद करना पड़ा लेकिन सेकेंड में नहीं करना पड़ा। हमने अनुभव से सीखा और प्रयोग किया।
कर्मचारियों की संख्या के अनुसार बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई गई है। सभी निजी संस्थाओं में व्यवस्था की। पीपी किट तैयार किया। नीति आयोग व स्वास्थ्य मंत्रालय की हर गाइड लाइन को माना गया है। प्रधानमंत्री के संकल्प को लागू किया गया जिसका परिणाम सामने है। आज प्रदेश के 40 जिलों में कोरोना का एक भी केस नहीं आया। 13 केस आए है ये ज्यादातर बाहरी प्रदेश से आने वाले है।
थर्ड वेब की बात आई तो चिंता बढ़ी। एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट पर पीकू बनाए गए। चार ग्रुप बनाकर मेडिसिन किट तैयार की गई।