बिहार में तेज ब्रदर्स के बीच विरासत की लड़ाई तेज होती जा रही है। सत्ता के शीर्ष पर जाने के लिए दोनों भाई एक दूसरे के खिलाफ लगातार नई चाल चल रहे हैं। तेजप्रताप जहां बगावती सुर अपनाते नजर आ रहे हैं तो वहीं तेजस्वी राष्ट्रीय जनता दल की विरासत खुद के पास रखने के लिए अपनी ताकत का एहसास करवा रहे हैं। ताजा मामला है तारापुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के दो दिन पहले जहां तेज प्रताप के समर्थन से संजय कुमार ने निर्दलीय के तौर पर अपना नामांकन किया था। तेज प्रताप से समर्थन प्राप्त करके संजय कुमार ने तारापुर विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए अपना नामांकन तो कर दिया लेकिन दो दिन के अंदर ही तेजस्वी ने बड़ी चाल चल दी। दरअसल तेजस्वी ने शनिवार शाम संजय कुमार को अपने आवास पर बुलाया और उनसे मुलाकात की जिसके बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस लेने का एलान कर दिया और आरजेडी में भी शामल हो गए। वहीं अब तेजस्वी के इस फैसले के बाद तेजप्रपाप भड़क गए हैं और उन्होंने तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव को जमकर लताड़ लगा दी है।
तेजप्रताप ने तेजस्वी के सलाहकार को लगाई लताड़
तारापुर सीट से नामांकन वापस लेने के संजय कुमार के फैसले पर तेज प्रताप यादव ने ट्वीट कर कर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि उनका इस मामले से कुछ लेना देना नहीं है। उन्होंने तेजस्वी के सलाहकार को लताड़ लगाते हुए ट्वीट किया कि ”जनता के लिए संजय कुमार ने अपनी उम्मीदवारी वापस ली– आरजेडी.. ना मैंने कुछ कहा ना लिखा तो इसमें मेरा क्या रोल था या है ? हरियाणवी स्क्रिप्ट राइटर तुम यह फालतू सी ग्रेड कहानी कहीं और लिखना.. बिहारी सब समझते हैं।”
उम्मीदवारी वापस लेने पर संजय कुमार ने भी दी प्रतिक्रिया
संजय कुमार ने कहा कि बिहार में आरजेडी सरकार बनानी है इसीलिए मैंने फैसला किया है कि और आरजेडी परिवार को मजबूत बनाने के लिए मैं अपना नामांकन वापस लूंगा। अब मेरा मकसद है तारापुर से आरजेडी उम्मीदवार को जिताना।
जानें तेजप्रताप ने संजय यादव को क्यों कहा हरियाणवी स्क्रिप्ट राइटर
दरअसल, संजय यादव हरियाणा के रहने वाले हैं और बतौर राजनीतिक सलाहकार तेजस्वी यादव के साथ लंबे समय से काम कर रहे हैं। संजय यादव तेजस्वी यादव के रिश्तेदार भी हैं। संजय यादव की तेजस्वी यादव से पहली बार दिल्ली में वर्ष 2010 में मुलाकात हुई थी। इसके बाद संजय यादव तेजस्वी यादव के काफी करीब आ गए थे और कुछ ही दिन में वे विश्वासपात्र बन गए। तेजस्वी ने इसके बाद उन्हें अपना राजनीतिक सलाहकार बना लिया।