Bihar Politics: एक दौर में इंटरनेट मीडिया के चहेते रहे पूर्व मंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र तेज प्रताप के अभी अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं। परिवार की बेरूखी उन्हें परेशान कर रही है। वह इंटरनेट मीडिया में अपने लिए सहानुभूति बटोरने के लिए कुछ पोस्ट करते हैं। सहानुभूति तो नहीं मिलती है, यूजर ऊल-जलूल नसीहत देने लगते हैं। राजनीति में जमे रहने के बदले संन्यास ग्रहण करने की सलाह दी जाती है। फिर भी वे घबरा नहीं रहे हैं। प्रतिक्रिया से बेखबर कुछ न कुछ करते ही रहते हैं।
पार्टी से अलग-थलग हुए
रक्षाबंधन के समय से ही परिवार के सदस्य तेज प्रताप से दूरी बना रहे हैं। ताजा हाल यह है कि उन्हें पार्टी की बैठकों में नहीं बुलाया जा रहा है। वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि तकनीकी रूप से तेज प्रताप ने खुद को पार्टी से अलग कर लिया है। छात्र जनशक्ति परिषद के नाम से नया राजनीतिक संगठन बना लिया है। नई बात यह है कि तेज प्रताप अपने नए बने संगठन से उप चुनाव में उम्मीदवार खड़े कर रहे हैं। राज्य के दो विधानसभा क्षेत्रों-कुशेश्वरस्थान और तारापुर में उप चुनाव हो रहा है। 30 अक्टूबर को मतदान है।
प्रचारकों की सूची में नाम नहीं
तेज प्रताप ने एक टवीट में अपने दर्द का बयान किया है। उनके मुताबिक उप चुनाव के लिए बनी राजद के स्टार प्रचारकों की सूची में उनकी मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी एवं बहन मीसा भारती का नाम नहीं रहना उचित नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया- ऐ अंधेरे देख ले मुंह तेरा काला हो गया। मां ने आंखें खोल दी घर में उजाला हो गया। उन्होंने अपनी पीड़ा का इजहार भी किया-मेरा नाम रहता न रहता कम से कम से कम मां और दीदी का नाम रहना चाहिए था। इस टवीट को उन्होंने फेसबुक पर भी डाल दिया है। लेकिन, यूजर महिलाओं के प्रति उनके सम्मान पर भी अंगुली उठा रहे हैं। इसके लिए उनके अपने पारिवारिक विवाद की चर्चा की जा रही है।
तरह-तरह की नसीहतें
एक यूजर ने कमेंट किया है-पार्टी को बर्बाद करने में सबसे बड़ा हाथ तुम्हारा है। बनल बाप के बिगड़ल बेटा। लालू जी की वजह से इतना बोल रहे हो। राजनीति क्या होती है, तुम्हें क्या पता? एक का कहना था कि तेज प्रताप के सोशल साइट को चलाने वाला ही इस आदमी की बर्बादी का असली कारण है। गांधारी वाला श्राप तेजू भैया पर असर कर रहा है। आप अपने पिता को मानते हैं। लेकिन, पिता की इज्जत को ले डूबे। शिवपाल यादव बनने का भूत है जो जल्द उतर जाएगा। 2020 के चुनाव में आप स्टार प्रचारक थे, हसनपुर छोड़ कितना जगह घूमे, यह बता दीजिए। साधु वाला हाल हो जाएगा, नहीं तो मुंह बंद रखिए। अगली बार वार्ड सदस्य भी नहीं बन पाओगे। प्रभाकर कुमार लिख रहे हैं-सुधर जाइए। अभी समय है। कुछ टिप्पणी ऐसी हैं, जिन्हें मुद्रित नहीं किया जा सकता है।
कुछ लोगों ने समर्थन भी किया
कुछ लोगों ने तेज प्रताप के प्रति हमदर्दी भी दिखाई है। मगर, इसमें भी उनके लिए राजनीति छोड़ने की सलाह है-आप छोड़िए राजनीति। मथुरा आ जाइए। वृंदावन में जाकर बांसुरी बजाइए। भाई, पिताजी हैं न, संभाल लेंगे। आपको हलके में लिया जा रहा है। चलाइए अपना सुदर्शन चक्र और पार्टी पर कब्जा कर लीजिए।