आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देश की आजादी के 75वें वर्ष का ‘अमृत महोत्सव’ मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने आए प्रधानमंत्री मोदी ने एक होम-वर्क दिया। कहा, अयोध्या में इस बार दिवाली पर साढ़े सात लाख दिये जलाए जाएंगे। जिन 9 लाख परिवारों को अपने घर मिले हैं, वे अपने-अपने घर के बाहर सिर्फ दो दिये जलाएं। मेरे गरीब भाई अपने घर को 18 लाख दिये से रोशन करेंगे तो भगवान राम को भी खुशी होगी।
मोदी ने कहा, कुछ महानुभाव हमारे विरोध में ही ऊर्जा खपाते हैं। वे सुन लें कि हमने तीन करोड़ परिवारों को लखपति बना दिया है। यह वे परिवार हैं जिनके घर बन चुके हैं। मुझे इस बात की भी खुशी होती है कि देश में PM आवास योजना के तहत जो घर दिए जा रहे हैं, उनमें 80 प्रतिशत से ज्यादा घरों पर मालिकाना हक महिलाओं का है या फिर वो जॉइंट ओनर हैं।
PM मोदी की बड़ी बातें
- 2014 से पहले जो सरकार थी, उसने देश में शहरी आवास योजनाओं के तहत सिर्फ 13 लाख मकान मंजूर किए थे। इसमें भी 8 लाख मकान बनाए गए थे। 2014 के बाद से हमारी सरकार ने PM आवास योजना के तहत शहरों में एक करोड़ 13 लाख मकानों को बनाने की मंजूरी दी। कहां 13 लाख और एक करोड़ लाख?
- इसमें से 50 लाख से ज्यादा घरों को बनवाकर सौंपा जा चुका है। ईंट-पत्थर से जोड़कर घर बना सकते हैं, लेकिन उसे घर नहीं कह सकते। जब सपने जुड़ जाएं तो इमारत घर बन जाती है।
- अब दिल्ली में एसी में बैठना वाला यह तय नहीं करता कि खिड़की किधर लगेगी। इतनी छोटी जगह पर निर्माण होता था कि उसमें रहना मुश्किल था। 2014 के बाद घरों की साइज को लेकर स्पष्ट नीति बनाई। शहरी योजना के तहत 1 लाख करोड़ रुपए गरीबों के बैंक खाते में ट्रांसफर किए हैं।
- आज पहली बार मैं ऐसी बात बताना चाहता हूं, जिसके बाद बड़े-बड़े विरोधी, जो दिन रात हमारा विरोध करने में ही अपनी ऊर्जा खपाते हैं, वो मेरा ये भाषण सुनने के बाद टूट पड़ेंगे। जिनके पास पक्की छत नहीं थी, ऐसे तीन करोड़ परिवारों को इस कार्यकाल में एक ही योजना से लखपति बनने का अवसर मिल गया है। इस देश में 25-30 करोड़ परिवार हैं, उसमें से तीन करोड़ परिवार लखपति बने, यह बहुत बड़ी बात है।
- 2017 से पहले जो सरकार थी वह गरीबों के लिए घर बनवाना चाहती थी। इसके लिए हमें पहले की सरकार से मिन्नतें करनी पड़ती थीं। 18 लाख घरों की स्वीकृति दी गई थी, लेकिन उस समय की सरकार ने 18 घर भी बनाकर नहीं दिए। अब 9 लाख बनाकर दिए गए हैं। 14 लाख घर निर्माण के अलग अलग चरणों में हैं।
- शहरी मिडिल क्लास की परेशानियों और चुनौतियों को भी दूर करने का हमारी सरकार ने बहुत गंभीर प्रयास किया है। रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी रेरा कानून ऐसा एक बड़ा कदम रहा है।
- उजाला योजना के चलते करीब 37 करोड़ LED बल्ब दिए गए है। LED स्ट्रीट लाइट लगने से शहरी निकायों के भी हर साल करीब 1 हजार करोड़ रुपए बच रहे हैं। अब ये राशि विकास के दूसरे कार्यों में उपयोग में लाई जा रही है।
- भारत में पिछले 6-7 वर्षों में शहरी क्षेत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन टेक्नोलॉजी से आया है। देश के 70 से ज्यादा शहरों में आज जो इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर चल रहे हैं, उसका आधार टेक्नोलॉजी ही है।
- PM स्वनिधि योजना के तहत 25 लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को 2500 करोड़ रुपए से अधिक की मदद दी गई है। इसमें भी UP के 7 लाख से ज्यादा साथियों ने लाभ लिया है।
- 2017 से पहले UP में बिजली सियासत का टूल थी। केवल वहां आती थी, जहां नेता चाहते थे। 2017 से UP की सड़कें सिफारिश से बनती थीं, लेकिन अब UP में सड़क किसी सिफारिश की मोहताज नहीं है।
- मेट्रो का विस्तार हो रहा है। 2014 में जहां 250 किलोमीटर से कम रूट पर मेट्रो चलती थी, वहीं आज लगभग 750 किलोमीटर में मेट्रो दौड़ रही है। देश में आज एक हजार किमी से अधिक मेट्रो ट्रैक पर काम चल रहा है।