हाल ही में मुंबई की तर्ज पर गंगा लिंक इनर सर्किल रोड कानपुर में बनने की मंजूरी दी गयी थी. अब केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए कमेटी गठित कर दी है. कमेटी 1 महीने में इनर सर्किल रोड के लिए दो विकल्पों पर काम करेगी. पहला इनर सर्किल रोड के लिए बनने वाली डिजाइन डीपीआर का टेंडर किया जाएगा. तो वहीं दूसरा एनएचआई की मौजूदा कंसल्टेंट एजेंसी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. मंत्रालय के अपर सचिव अमित घोष ने बैठक कर यह निर्देश जारी किया है.
गौरतलब है कि केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव अमित घोष ने कानपुर में 30 किलोमीटर लंबी गंगा लिंक एक्सप्रेस वे इनर सर्किल रोड प्रोजेक्ट को मंजूरी दे थी. इसमें 22 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड होगा. इस प्रोजेक्ट पर साल 2018 से विचार-विमर्श चल रहा था. प्रोजेक्ट को कानपुर कमिश्नर डॉ राजशेखर ने राजमार्ग मंत्रालय को भेजा था. जिस पर उच्च स्तरीय संयुक्त विकास समिति के समन्वयक नीरज श्रीवास्तव के साथ अपर सचिव ने इस प्रोजेक्ट पर चर्चा की और इसे मंजूरी दे दी थी.
बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के निर्माण में करीब 2300 करोड़ रुपए के खर्च आएंगे. शहर में पहली बार इनर सर्किल रोड बनाने के लिए 3.50 मीटर सिंगल पिलर का इस्तेमाल किया जाएगा. इसी पर फोरलेन एलिवेटेड पुल बनाया जाएगा. यानी सिर्फ 600 मीटर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.
समन्वयक संयुक्त विकास समिति नीरज श्रीवास्तव ने कहा था कि कमिश्नर की पहल पर राजमार्ग मंत्रालय डीपीआर से फंडिंग को तैयार हो गया है. जैसे सांताक्रुज जाने से सीलिंग में चाहती है जैसे शहर को इनर सर्किल रोड बड़ी सौगात देगी. वहीं कानपुर के कमिश्नर डॉ राजशेखर ने कहा था कि यह परियोजना कानपुर के लिए वरदान साबित होगी. जाम की समस्या के साथ ही शहर वासियों को चंद मिनटों में कहीं भी आवाजाही के लिए फर्राटा सड़क मिलेगी.