कैप्टन अमरिंदर सिंह और गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात से कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। कैप्टन को किसी भी तरह से BJP में जाने से रोकने की कोशिश शुरू हो गई है। इसके लिए अंबिका सोनी और कमलनाथ की ड्यूटी लगाई गई है। यह दोनों नेता कैप्टन के करीबी माने जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक कैप्टन ने उन्हें अपने अपमान की बात याद दिलाकर कदम पीछे खींचने से इनकार कर दिया है। कैप्टन की नाराजगी दूर करने के लिए कांग्रेस हाईकमान जोर लगा रहा है।
कांग्रेस की मुश्किल: कैप्टन को हटाया तो सिद्धू ने भी इस्तीफा दे दिया
पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हाईकमान को लगा कि पंजाब कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ एकजुट है। अगर कैप्टन हटे तो पूरी कांग्रेस एक साथ चलेगी। ऐसा नहीं हो सका। सिद्धू अचानक चरणजीत चन्नी की नई बनी सरकार से खफा हो गए। गुस्से में उन्होंने सीधे इस्तीफा ही दे दिया। इसके बाद पंजाब कांग्रेस में बड़ा संकट हो गया है।
कैप्टन और सिद्धू ही दो चेहरे थे, जिनके जरिए कांग्रेस दमदार तरीके से 2022 में चुनावी लड़ाई लड़ सकती थी। पहले कांग्रेस ने सिद्धू के चक्कर में कैप्टन को खो दिया। अब सिद्धू भी बगावत कर चुके हैं। अगर सिद्धू नहीं मानते तो कांग्रेस किसी तरह से कैप्टन को साथ रखना चाहती है। वो चाहे सक्रिय न रहें, लेकिन मान गए तो कम से कम उनकी मुश्किलें नहीं बढ़ाएंगे।
कैप्टन पहले ही कह चुके, फौजी हूं, हार कर मैदान नहीं छोड़ूंगा
कांग्रेस ने कैप्टन को कुर्सी से उतारा तो वो भड़क उठे। कैप्टन ने कहा कि वह फौजी हैं। कभी हार कर मैदान छोड़ना नहीं सीखा। मैं सोच रहा था, 2022 के चुनाव में जीत के बाद राजनीति छोड़ दूंगा, लेकिन अब नहीं। साफ है कि अगर कैप्टन BJP में गए या नया संगठन बनाया तो, पंजाब में मुश्किलें कांग्रेस की ही बढ़ेंगी। कलह से जूझती कांग्रेस कैप्टन को समर्थन नहीं मिलता तो वह उन्हें विरोधी भी नहीं बनने देना चाहती। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में गांधी परिवार के सदस्य भी सक्रिय हो सकते हैं।
तब सोनिया ने कह दिया था ‘सॉरी अमरिंदर’
कैप्टन को CM की कुर्सी से हटाने के लिए हाईकमान ने विधायक दल की बैठक बुला ली थी। कैप्टन ने बताया था कि तब उन्होंने सोनिया गांधी को फोन किया। उन्हें कहा कि आपने दो बार विधायक दिल्ली बुला लिए। तीसरी बार विधायक दल की बैठक बुला ली। इसलिए मैं खुद ही इस्तीफा दे देता हूं। इसके बाद सोनिया गांधी ने सॉरी अमरिंदर कह दिया। इसके बाद कैप्टन ने गवर्नर बीएल पुरोहित को अपना इस्तीफा सौंप दिया।