जिस तरह से सुरक्षित घर के लिए नींव का मजबूत होना आवश्यक है, बिल्कुल उसी तरह से शरीर को बुढ़ापे तक स्वस्थ और रोगमुक्त बनाए रखने के लिए किशोरावस्था में उचित पोषण बहुत जरूरी होता है। किशोरावस्था (12- करीब 20 साल) को जीवन की नींव माना जा सकता है, तमाम अध्ययनों से पता चलता है कि इस उम्र में शरीर को जिस तरह से रखा जाए उसका असर भविष्य में देखने को मिलता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक किशोरावस्था में शरीर में तमाम प्रकार के बदलाव आने शुरू हो जाते हैं, ऐसे में शरीर को अधिक पोषण और षौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है। ऐसे में सभी माता-पिता को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इस आयुवर्ग के बच्चों को अच्छा पोषण प्राप्त हो सके।
हालांकि, उचित पोषण और संतुलित आहार का जिक्र आते ही लोगों में एक भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है। किस उम्र में किस पोषक तत्व की कितना आवश्यकता है? आहार में किन चीजों को ज्यादा शामिल करना चाहिए, किनसे परहेज करना चाहिए? इन सवालों से अक्सर माता-पिता परेशान रहते हैं।
किशोरावस्था में किस पोषक तत्व की होती है सबसे ज्यादा जरूरत?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉक्टर अमितेष अग्रवाल बताते हैं, हर आयुवर्ग के लोगों में पोषक तत्व की आवश्यकता अलग-अलग हो सकती है। जैसे 10-18 साल के लड़कों को रोजाना औसतन 2400 कैलोरी जबकि इसी आयु वर्ग की लड़कियों को औसतन 2000 कैलोरी की आवश्यकता होती है। 10-18 साल के लड़कों को रोजाना औसत 60 ग्राम प्रोटीन और 600 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। जबकि इसी आयुवर्ग की लड़कियों के लिए रोजाना की प्रोटीन आवश्यकता 58 ग्राम और कैल्शियम की आवश्यकता 600 मिलीग्राम होती है।
किशोरावस्था में आयरन वाले आहार का सेवन बहुत आवश्यक
डॉक्टर अमितेष कहते हैं, किशोरावस्था में शरीर में कई प्रकार के परिवर्तन हो रहे होते हैं, ऐसे में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में आयरन का सेवन करना आवश्यक है। 10-18 साल के लड़कों को रोजाना औसतन 45 मिलीग्राम जबकि लड़कियों के लिए 30 मिलीग्राम आयरन की जरूरत होती है। इसके लिए नट्स, हरी पत्तेदार सब्जियों, अंडे, रेड मीट, साइट्रिक फलों और मछलियों का सेवन किया जा सकता है।
संतुलित आहार का निर्धारण कैसे करें?
डॉक्टर अमितेष कहते हैं किशोरावस्था में संतुलित आहार का निर्धारण सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य माना जाता है, अक्सर लोग इस सवाल में उलझे रहते हैं। इसका सीधा फंडा है- किशोरों को अपने पिता (2,400-2,800 कै लोरी) के बराबर और किशोरियों को उनकी मां (2,100-2,400 कैलोरी) से थोड़ा अधिक खाना खाना चाहिए। हालांकि किशोरावस्था में स्वास्थ्य के आधार पर यह आहार कम या अधिक हो सकता है। यदि बच्चा अधिक वजन वाला है तो कैलोरी की मात्रा कम हो सकती है, इसके निर्धारण के लिए पोषण विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए।
डाइटिंग या सप्लीमेंट्स को लेकर रहें सावधान
डॉक्टर अमितेष कहते हैं अक्सर किशोरों को जल्दी बॉडी-बिल्डिंग के लिए प्रोटीन पाउडर लेने की आदत पड़ जाती है, हालांकि यह शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। प्रोटीन पाउडर में स्टेरॉयड और कई अन्य हानिकारक चीजें होती हैं, जिससे शरीर को नुकसान हो सकता है। प्रोटीन की जरूरतों को पूरा करने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करें। इसी तरह लड़कियों को डाइटिंग करते देखा जा सकता है, यह भी नुकसानदायक है। भोजन छोड़ने से शरीर में कमजोरी और सुस्ती आ सकती है, शरीर के वजन को कम करने के लिए आहार के संतुलन और व्यायाम पर ध्यान देना ज्यादा आवश्यक है।