लखनऊ, 23 सितम्बर 2021
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में आज अवैध धर्मांतरण (Illegal Religious Conversion) मामले में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kaleem Siddiqui) को एटीएस स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. जहां से कोर्ट ने मौलाना कलीम को 10 दिन की एटीएस की कस्टडी रिमांड पर भेज दिया है. मौलाना कलीम की पुलिस कस्टडी रिमांड कल यानि शुक्रवार 23 सितंबर से शुरू होगी. रिमांड के दौरान यूपी एटीएस मौलाना कलीम के नेटवर्क पर पूछताछ करेगी.
बता दें मेरठ से ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष मौलाना कलीम सिद्दीकी को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. यूपी एटीएस के अनुसार मौलाना कलीम विदेशों से मिल रही फंडिंग के आधार पर पूरे देश में संगठित ढंग से गैर मुस्लिमों को गुमराह कर रहा था. उन्हें डराकर भारत का सबसे बड़ा अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट चला रहा था.
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने इस संबंध में बताया था कि 20 जून को यूपी एटीएस ने धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड उमर गौतम समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया था. उमर गौतम और उसके साथियों को ब्रिटेन के ट्रस्ट से करीब 57 करोड़ रूपये की फंडिंग की गई थी. खर्च का ब्यौरा इन आरोपियों द्वारा नहीं दिया जा सका है. इस दौरान इस मामले में दिल्ली में रहने वाले मौलाना कलीम सिद्दीकी का भी नाम आया था. ये मूल रूप से यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के फुलत के रहने वाले हैं.
जांच में पुष्टि हुई कि मौलाना कलीम देश में एक बडे़ स्तर पर अवैध धर्मांतरण के कार्य में संलिप्त है. विदेशों से मिल रही फडिंग के आधार पर पूरे देश में एक संगठित ढंग से गैर मुस्लिमों को गुमराह कर और डराकर भारत के सबसे बड़े अवैध धर्मांतरण का सिंडिकेट चला रहे हैं. यूपी एटीएस ने मौलाना कलीम सिद्दीकी को भी मेरठ से गिरफ्तार किया और उन्हें कोर्ट में पेश कर उनकी रिमांड के लिये कोर्ट में अर्जी भी दाखिल कर दी गई है.
एडीजी के अनुसार मौलाना कलीम सिद्दीकी जामिया इमाम वलीउल्ला नाम का एक ट्रस्ट चलाता है. जिसके जरिये सामाजिक सौहार्द के कार्यक्रमों की आड़ में विभिन्न प्रकार का लालच देकर अवैध धर्मांतरण का सिडिंकेट चला रहा है. इसके ट्रस्ट में हवाला और विदेशों से होने वाली फंडिग के जरिये तमाम मदरसों को भी फंडिग की जाती है.