प्रयागराज, 22 सितम्बर 2021
अखिल भारतीय आखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत दीवंगत नरेन्द्र गिरि को भू समाधि दे दी गयी है। पोस्टमार्टम के बाद उनका शरीर बाघम्बरी गद्दी पर लाया गया। इस दौरान फूलों से सजे वाहन पर उनका पार्थिव शरीर रखा गया। इसके बाद उनकी अन्तिम यात्रा शहर के मार्गों से होते हुए संगम पहुंची। वहां स्नान आदि कराने के बाद लेटे हुए हनुमान मंदिर के बाद फिर वापस मठ ले जाया गया। यहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंहत को समाधि दे दी गयी। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद रही। समाधि स्थल पर सभी साधु संत और महात्मा अखाड़ों की परंपरा के अनुरूप महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर पर जल, पुष्प, गुलाल का छिड़काव किया गया।
फूलों से सजे रथ पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के शव को लेकर निकाली गई यात्रा में महंत के अंतिम दर्शन के लिए संगम जाने वाले मार्गों पर भारी भीड़ जमा हो गई। लोग जगह-जगह फूल माला चढ़ा कर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े सभी 13 अखाड़ों के महंत और महामंडलेश्वर मठ में मौजूद थे। पूर्व सांसद राम विलास वेदांती के अलावा हरि गिरि, रविंद्रपुरी महाराज और मौनी स्वामी सहित सैकड़ों साधु महात्मा यहां मौजूद रहे। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अंतिम यात्रा में शामिल थे।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बोले कि रही बात अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की मौत की तो जितना मैं उन्हें जनता हूं, उसके आधार पर कह सकता हूं कि महंत जी मजबूत इच्छाशक्ति के व्यक्ति थे। वह आत्महत्या नहीं कर सकते। 24 घंटे पहले उन्होंने मुझे प्रसाद दिया। पोहा भी खाने को दिया था तो समय की कमी के कारण मैंने कहा मुझे इजाजत दें इसे साथ लेकर जाने की। उनकी अनुमति पर में पोहा अपने साथ ले गया था। उन्होंने मुझे रुद्राक्ष की माला भी प्रसाद स्वरूप दी थी।
गौरतलब हो कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का प्रयागराज के अल्लापुर स्थित श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में फंदे से लटका शव मिला था। महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर मंगलवार को आम जन के दर्शन के लिए मठ में रखा गया था।