लखनऊ, 14 सितम्बर 2021
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के कुछ दिग्गजों ने मौजूदा राजनीतिक परि²श्य में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व पर सवाल उठाया है। उनमें से कुछ को निष्कासित कर दिया गया है। कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं ने वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के उस सुझाव पर प्रतिक्रिया दी कि प्रियंका को अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों में पार्टी का चेहरा होना चाहिए।
कांग्रेस के पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा, कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं देती। मैंने पार्टी के लिए बिना रुके काम किया, लेकिन नवंबर 2019 में मुझे बिना किसी उचित कारण के निष्कासित कर दिया गया। हम जमीन पर लोगों से मिलते हैं और रिपोर्ट लेते हैं। पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं देती और उनका उनसे कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस महासचिव, जो 2019 में अमेठी में अपने भाई राहुल गांधी के चुनाव अभियान का ‘चेहरा’ थीं, कांग्रेस को जीत तक नहीं दिला सकीं, क्योंकि उनका पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं से कोई संपर्क ही नहीं था।
उन्होंने कहा, अगर कांग्रेस में 2019 की तरह ही चीजें जारी रहीं, तो पार्टी का भी वही हश्र होगा।
कांग्रेस के पूर्व एमएलसी सिराज मेहंदी, जिन्हें नवंबर 2019 में नौ अन्य लोगों के साथ निष्कासित कर दिया गया था, उन्होंने कहा, कांग्रेस नेतृत्व ‘अभिमानी’ हो गया है। यह पार्टी नेताओं की राय को महत्व नहीं देता है।
कांग्रेस नेतृत्व एक अहंकारी रुख बनाए हुए है। यह एक दुखद मामला है कि प्रियंका गांधी दो दिनों के लिए यूपी आती हैं जैसे वह पिकनिक पर आ रहा हैं। वह केवल कुछ चुनिंदा लोगों से मिलती हैं, न कि वास्तविक पार्टी कार्यकर्ता ओं से। जब राजीव गांधी प्रधान मंत्री थे, वह एक दिन में कम से कम एक हजार लोगों से मिलते थे।
सोनिया जी से मिलना मुश्किल है, और संयोग से अगर आप उनसे मिलें, तो वह कहती हैं कि राहुल से मिलें। राहुल कहते हैं कि प्रियंका से मिलें और प्रियंका के पास लोगों से मिलने का समय नहीं है। यह आज ही कांग्रेस में सबसे बड़ी समस्या है। आलाकमान का जमीनी कार्यकर्ताओं से संपर्क ही नहीं है।