गोरखपुर, 7 सितम्बर 2022
यूपी की योगी सरकार ने वाराणसी से गोरखपुर के बीच सीप्लेन सेवा शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया है। राज्य का यह पहला सीप्लेन रूट होगा। राज्य सरकार ने इन दोनों शहरों के बीच सीप्लेन सेवा शुरू करने के लिए नागर विमानन मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखा है। विजबिलिटी अध्ययन कराने तथा संचालन शुरू करने के लिए अग्रेतर कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।
वाराणसी-गोरखपुर हवाई मार्ग पर सी-प्लेन सेवा शुरू करने के साथ ही विमानन से जुड़े अन्य मुद्दों पर प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। राज्य में नये एयरपोर्टों तथा पुराने एयरपोर्टों का पूरा विवरण देते हुए नागर विमानन मंत्रालय के स्तर से की जाने वाली कार्यवाहियां तेज कराने के संबंध में पत्रक दिया। केंद्रीय मंत्री से कहा कि बीते 27 जुलाई को नागर विमानन मंत्रालय को राज्य सरकार द्वारा भेजे गए वाराणसी-गोरखपुर-वाराणसी रूट पर सीप्लेन सेवा करने के प्रस्ताव पर जल्द अग्रेतर कार्यवाही की जाए।
सीप्लेन पानी व जमीन दोनों जगह से उड़ान भरते हैं
सीप्लेन की सबसे खास बात यह है कि यह पानी और जमीन दोनों जगह से उड़ान भर सकता है और दोनों ही जगह इसे लैंड कराया जा सकता है।
इस प्लेन को उड़ान भरने के लिए ज्यादा लंबे रनवे की जरूरत नहीं होती है। 300 मीटर लंबे जलाशय से भी उड़ान व लैंडिंग की जा सकती है। केंद्र सरकार ने देश में 100 सीप्लेन सेवा की योजना बनाई है। जिसके तहत देश की करीब 111 नदियों का इस्तेमाल हवाईपट्टी के रूप में किया जा सकता है।
मुरादाबाद सहित चार नये एयरपोर्टों के लाइसेंस पर चर्चा
मंत्री नंदी ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान उन्होंने आरसीएस के तहत तैयार किए गए मुरादाबाद, अलीगढ़, आजमगढ़ और श्रावस्ती एयरपोर्ट को जल्द से जल्द नागर विमानन मंत्रालय से लाइसेंस दिए जाने का मुद्दा भी उठाया। इन चारो एयरपोर्टों का 99 फीसदी कार्य पूरा किया जा चुका है। लाइसेंस मिल जाने पर विमान सेवाएं जल्द से जल्द शुरू की जा सकेंगी। इसके अलावा बरेली एयरपोर्ट में एक अतिरिक्त एप्रेन बनाने को कहा ताकि दो विमान एक साथ एप्रेन पर खड़े हो सकें। प्रयागराज एप्रेन के विस्तार पर भी चर्चा की गई।