अयोध्या ढांचा विध्वंसक मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहीत शामिल अन्य नेताओं पर केस चलेगा या नहीं इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। इस मामले को लेकर सीबीआई ने इन नेताओं पर आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने 6 अप्रैल को सभी पक्षों की दलीलें सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी केस के मुकदमें की सुनावाई 25 साल से लंबित होने पर चिंता जताते हुए टिप्पणी की थी।
कोर्ट ने कहा था कि मामले की रो़जाना सुनवाई कर दो साल में निपटा देना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने आडवाणी, जोशी सहित अन्य नेताओं का मुकदमा रायबरेली की अदालत से लखनऊ की अदालत में शिफ्ट करने और संयुक्त आरोप पत्र के आधार पर एक साथ मुकदमा चलाने के संकेत भी दिए थे।
इस मामले पर नजर डाले तो सीबीआई ने हाईकोर्ट के 20 मई 2010 के आदेश को चुनौती दी है। इनमें कुल 21 नेताओं को पहले ही आरोप मुक्त कर दिया गया है। अब इसमें आडवाणी-जोशी सहित 8 नेताओं पर रायबरेली की अदालत में मुकदमा चल रहा है।
नेताओं की दलील
नेताओं के वकीलों ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि इनका मुकदमा रायबरेली से हटाकर लखनऊ स्थानांतिरत नहीं हो सकता है और ना ही उन पर साजिश का केस चलाया जा सकता है। अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल करके भी ऐसा नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने पर उनके मौलिक अधिकारों का हनन होता है। साथ में यदि मुकदमा रायबरेली से लखनऊ शिफ्ट हुआ, तो भी उसे 2 साल में निपटाना मुश्किल है।