केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु में एक स्थिर सरकार चाहती है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि राज्य में एआईएडीएमके की आंतरिक अस्थिरता में ना तो केंद्र का हाथ है और न ही बीजेपी की कोई भूमिका है।
केंद्रीय मंत्री ने गुवाहाटी पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ‘एआईएडीएमके की आंतरिक अस्थिरता में केंद्र और बीजेपी दोनों की कोई भूमिका नहीं है। केंद्र, राज्य के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है। हम तमिलनाडु के विकास के लिए राज्य में स्थिर सरकार चाहते हैं।
आगे उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने वहां दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता को वोट दिया, मगर दुर्भाग्य से अब वह नहीं हैं। एआईएडीएमके पार्टी को जनता की भलाई के लिए अपने मतभेद भुला देने चाहिए।
उन्होंने कहा कि विपक्ष को हर मामले में केंद्र पर आरोप लगाने की अब आदत हो गई है। देश में कहीं कुछ होता है, तो विपक्ष को लगता है कि ये केंद्र सरकार की ही साजिश है। यह हमेशा याद रखना चाहिए कि राज्य में कानून-व्यवस्था मैटर करता है और इसमें केंद्र किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।
राज्य के मामले में बीजेपी शासित केंद्र सरकार के हस्तक्षेप करने के आरोप पर उन्होंने कहा कि जब तक कोई गंभीर मामला नहीं होता, तब तक केंद्र किसी राज्य के मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है।
ईवीएम मामले में विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों के जवाब में नायडू ने कहा कि पहले जब वे (विपक्ष) जीतते थे और हम हारते थे, तब उन्हें ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं दिखती थी। लेकिन अब वे ईवीएम को ‘एव्री वोट टू मोदी’ कह कर प्रचारित कर रहे हैं।
उन्होंने कांग्रेस के ऊपर हमला करते हुए कहा कि जिस तरह से कांग्रेस के सभी नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि कांग्रेस से जल्द ही नेशनल पार्टी का दर्जा छिन जाएगा और वो एक राज्य स्तर की पार्टी बन कर रह जाएगी। हालांकि, उन्होंने राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की मांग वाले सवाल पर बस इतना कहा कि ये कांग्रेस का आंतरिक मामला है।