ऑस्ट्रेलिया ने बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए अपना एक वीजा प्रोग्राम बंद कर दिया है। इसका इस्तेमाल 95,000 से ज्यादा फॉरेन इम्प्लॉई कर रहे थे। इसका भारत पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इनमें ज्यादातर भारतीय इम्प्लॉई थे। आपको बता दें कि इस वीजा का इस्तेमाल करने वालों में ज्यादातर आईटी प्रोफेशनल्स हैं और उनमें भी 78% भारतीय हैं। 457 नाम से जाना जाता है यह वीजा प्रोग्राम…
1.) इस प्रोग्राम को 457 वीजा के नाम से जाना जाता है। इसके तहत कंपनियों को उन फील्ड में 4 साल तक फॉरेन इम्प्लॉई को अप्वॉइंट करने की इजाजत थी, जहां ऑस्ट्रेलियाई वर्कर्स की कमी थी।
2.) न्यूज एजेंसी के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के पीएम मैल्कम टर्नबुल ने कहा, “हम इमिग्रेशन नेशन हैं, लेकिन हकीकत तो ये है कि ऑस्ट्रेलिया के वर्कर्स को अहमियत मिलनी ही चाहिए। इसीलिए हम 457 वीजा खत्म कर रहे हैं, जो टेम्परेरी फाॅरेन वर्कर्स लेते हैं।”
3.) आपको बता दें कि यह वीजा हासिल करने वालों में ज्यादातर भारत के हैं। उसके बाद ब्रिटेन और चीन का नंबर आता है।
ये जॉब ऑस्ट्रेलियंस के लिए होनी चाहिए: टर्नबुल
टर्नबुल ने कहा, “हम 457 वीजा को जॉब का पासपोर्ट होने की अब इजाजत नहीं देंगे और ये जॉब ऑस्ट्रेलियंस के लिए होनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि “ऑस्ट्रेलियंस फर्स्ट” का रवैया अपनाएगा। अब इस प्रोग्राम की जगह नई पाबंदियों के साथ दूसरा वीजा प्रोग्राम लाया जाएगा। टर्नबुल ने कहा कि नया प्रोग्राम तय करेगा कि फॉरेन इम्प्लॉई स्किल्ड वर्कर्स की कमी वाली जगहों को भरने के लिए ऑस्ट्रेलिया आएं। उन्होंने कहा कि फॉरेन इम्प्लॉई यहां इसलिए न आएं कि इम्प्लॉयर्स को ऑस्ट्रेलियाई वर्कर्स की बजाय फॉरेन इम्प्लॉइज को अप्वॉइंट करना आसान है।
95757 वर्कर्स के पास प्राइमरी वीजा
एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 30 सितंबर तक ऑस्ट्रेलिया में प्राइमरी 457 वीजा रखने वाले 95757 वर्कर्स थे। इनके साथ ही 76430 लोगों के पास सेकंडरी वीजा था। आपको बता दें कि प्राइमरी 457 वीजा होल्डर्स के परिवार वालों को सेकंडरी वीजा दिया जाता है।
क्यों विवादों में आया यह वीजा प्रोग्राम?
457 वीजा प्रोग्राम पहली बार 1990 के दशक में लाया गया था। इसका मकसद ऑस्ट्रेलिया में बिजनेस प्रोफेशनल्स और हाईली स्किल्ड माईग्रेंट्स को लाना था। बाद में यह कई कैटेगरी के लिए दिया जाने लगा। बाद में इस वीजा प्रोग्राम का गलत इस्तेमाल किए जाने के आरोप लगे। कहा गया कि इसके जरिए ऑस्ट्रेलिया में सस्ते वर्कर्स लाए जा रहे थे, जिन्हें जरूरी काम की समझ भी नहीं थी।
यह वीजा पाने वाले IT प्रोफेशनल्स में 78% भारतीय
द ऑस्ट्रेलियन पॉपुलेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार 457 वीजा का इस्तेमाल करने वालों में सबसे बड़ी तादाद आईटी प्रोफेशनल्स की है। इनमें 78% भारतीय हैं। इनमें से भी ज्यादातर सिडनी और मेलबर्न में जॉब करते हैं।
10 अप्रैल को भारत आए थे टर्नबुल
आपको बता दें कि पीएम टर्नबुल हाल ही में अपने पहले भारत दौरे पर आए थे। यहां से लौटने के बाद ही उन्होंने यह एलान किया है। भारत में उन्होंने नेशनल सिक्युरिटी, काउंटर टेररिज्म, एजुकेशन और एनर्जी के मुद्दों पर चर्चा की थी और छह एग्रिमेंट्स पर दस्तखत किए थे।