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घर में, पार्टी में या फिर किसी फेस्टिवल पर या रेस्टोरेंट में आप सबसे पहले नमकीन खाना पसंद करते हैं,जैसे- चपाती, दाल, सब्जी या चावल आदि और उसके बाद ही कुछ मीठा खाते हैं। पूर्वजों का भी यही मानना है कि भोजन की शुरुआत हमेशा मसालेदार खाने से करनी चाहिए और मीठा खाकर समाप्त करनी चाहिए।

क्या आप जानते हैं कि खाने के बाद मीठा खाने से क्या होता है? मगर आपने कभी सोचा है कि खाने की शुरुआत में सबसे पहले मीठा क्यों नहीं खाना चाहिए या पहले मसालेदार चीजें ही क्यों खाने चाहिए? यह एक ऐसा सवाल है, जिसका जवाब सभी लोग जानना चाहते हैं। वास्तव में कई लोग ऐसा मानते हैं कि यह सालों से चली आ रही एक परंपरा है। मगर आपको बता दें कि इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य है।

जब आप स्पाइसी फूड खाते हैं, तो आपका शरीर पाचक रस और एसिड जारी करता है, जो पाचन प्रक्रिया को बढ़ाता है। स्पाइसी फूड्स खाने से यह भी सुनिश्चित होता है कि आपका पाचन सही तरह हो रहा है की नहीं। दूसरी ओर मीठी चीजों में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा अधिक होती है, जिससे पाचन धीमा हो सकता है। इसके साथ ही मीठे का सेवन एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन के अवशोषण को बढ़ाता है। ट्रिप्टोफैन को सेरोटोनिन लेवल बढ़ाने के लिए जाना जाता है। सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो खुशी की भावना से जुड़ा है, यानि मीठा खाने से आपको खुशी होती है। यही कारण है कि आप भोजन करने के बाद मीठा खाते हैं।

हालांकि वाइट शुगर से बनने वाली मीठी चीजों को हेल्दी नहीं माना जाता है। चीनी से तैयार चीजों का लंबे समय तक सेवन करने से आपको मोटापे और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं का खतरा हो सकता है। इसके बजाय आपको गुड़ या ब्राउन शुगर से तैयार चीजें ही खानी चाहिए। वास्तव में आर्गेनिक गुड़ आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है।