नई दिल्ली, 11 जून 2021
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री विद्या बालन ने खुलासा किया कि उन्हें भी अपने जीवन में लैंगिक भेदभाव का सामना करना पड़ा है। इस महीने विद्या बालन की फिल्म शेरनी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली है। इससे पहले एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में विद्या बालन ने जेंडर भेदभाव को लेकर खुलकर बात की। पुरानी घटना को याद करते हुए विद्या बालन ने कहा कि, हम सभी एक-दूसरे को जज करते हैं, लेकिन हमारे समाज में महिलाओं के साथ यह थोड़ा अधिक किया जाता है।
याद की डिनर टेबल की घटना
इंटरव्यू में एक्ट्रेस विद्या बालन ने कहा कि, मुझे लगता है कि हम सभी ने लिंग पूर्वाग्रह का सामना किया है, न कि केवल विपरीत लिंग के लोगों द्वारा बल्कि समान लिंग के लोगों द्वारा भी। अभिनेत्री ने एक डिनर की घटना को याद करते हुए कहा कि, मुझे याद है कि एक बार मुझे रात के खाने पर यह कहा गया कि, हे भगवान, आप खाना बनाना नहीं जानती हैं। मैंने कहा, ‘नहीं, सिद्धार्थ और मैं खाना बनाना नहीं जानते’। लेकिन उन्होंने कहा, ‘आपको पता होना चाहिए कि कैसे खाना पकाया जाता है।
‘मां भी मुझे खाना बनाना सीखने के लिए कहती थी’
विद्या ने कहा, मैं कहना चाहती थी, यह सिद्धार्थ और मेरे लिए अलग क्यों होना चाहिए? अभिनेत्री ने कहा कि जीवन भर मेरी माँ मुझसे कहती रहीं कि मुझे खाना बनाना सीखना चाहिए। विद्या हंस कर कहती हैं कि, मैं कहती थी कि मुझे खाना बनाना क्यों सीखना चाहिए, मैं एक रसोइया किराए पर लेने के लिए पर्याप्त कमाऊंगी या ऐसे आदमी से शादी कर लूंगी जो खाना बना सकता है। विद्या ने कहा कि, हालांकि, महामारी के दौरान, मैंने सोचा कि शायद मुझे कुछ खाना बनाना सीखना चाहिए था।
लॉकडाउन में अजमाया खाने पर हाथ
विद्या ने बताया कि, पहले लॉकडाउन के दौरान, मैंने खाना पकाने में अपना हाथ आजमाया, लेकिन वह केवल हमारे लिव-इन हाउस में कुछ मदद, कुछ आराम देने के लिए था। क्योंकि वह दिन में तीन बार खाना बना रही थी। तो केवल उसकी मदद करने के लिए लेकिन मुझे लगा कि यह मेरे लिए सिर्फ कोशिश करने का एक अच्छा मौका है और कुछ चीजें जो मुझे पसंद हैं, मैंने उन्हें आजमाया।