मिस्र के एलेक्जेंडरिया और तांता शहरों के गिरजाघरों में हुए धमाकों के बाद राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी ने देश में तीन महीने के आपातकाल की घोषणा कर दी है। रविवार को हुए इन धमाकों में 45 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। दो गिरजाघरों में हुए विस्फोटों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएस ने ली है। राष्ट्रीय रक्षा परिषद की बैठक के बाद राष्ट्रपति सीसी ने इसका ऐलान किया है।
राष्ट्रपति अल-सीसी ने घायलों के इलाज के लिये सैन्य अस्पतालों को खोलने के आदेश दे दिए हैं। इसके अलावा सिसी ने बम विस्फोटों के बाद महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचे की रक्षा के लिए सैन्य तैनाती का आदेश दे दिया है। मंत्रालय ने कहा कि आत्मघाती हमलावर को कैथेड्रल में रोकने की कोशिश के दौरान एक पुलिस अधिकारी और एक महिला पुलिसकर्मी समेत तीन लोग मारे गये हैं। जबकि सुरक्षा बलों ने तांता शहर के सिडी अब्दुल रहीम मस्जिद में दो विस्फोटक उपकरणों को निष्क्रिय भी किया है।
एलेक्जेंड्रिया के सेंट मार्क्स चर्च में शक होने पर सुरक्षा बलों ने चर्च के मुख्य द्वार पर ही आत्मघाती हमलावर को रोक लिया था, जहां उसने खुद को उड़ा लिया. इस चर्च में चल रही प्रार्थना सभा में कॉप्टिक चर्च के धर्मगुरु पोप ट्वाड्रोस द्वितीय भी मौजूद थे, मगर उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ। जबकि यहां हुए हमले में 11 लोग मारे गए जबकि 69 घायल हुए। दूसरी घटना एक घंटे पहले तांता के सेंट जॉर्ज चर्च में हुई।
ईसाइयों की पाम सनडे प्रार्थना ईस्टर से पहले पड़ने वाले रविवार को होती है। यह उत्सव ईसा मसीह के येरुशलम पहुंचने की खुशी में मनाया जाता है। मिस्त्र में दस प्रतिशत ईसाई आबादी है और इसी महीने 28 और 29 तारीख को वहां पर पोप फ्रांसिस के दौरे का कार्यक्रम भी है।
आपको बता दें कि कॉप्टिक ग्रिक भाषा का शब्द है। इसका अर्थ इजिप्शियन चर्च है। यह ऑर्थोडॉक्स चर्च की शाखा है, जिसका जन्म मिस्र में पहली शताब्दी में हुआ था। इसको मानने वाले मिस्त्र, लीबिया, नूबिया, सूडान, इथोपिया और अन्य अफ्रीकी देशों के निवासी हैं। इस शाखा का सबसे बड़ा चर्च एलेक्जेंड्रिया में है, जहां पर रविवार को आतंकी हमला हुआ।