कोलकाता, 11 मई 2021
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में हर दिन संक्रतिमों की संख्या बढ़ती जा रही है। केंद्र और राज्य सरकारों के तमाम प्रयास के बावजूद ये कोरोना बेकाबू होता जा रहा है। वहीं अब तक कोरोना से बचाव के लिए कई उपाय ढूढ़े जा चुके हैं लेकिन बंगाल के पुरबा बर्धमान जिले की कक्षा 12 की छात्रा दिगंतिका बोस दावा किया है कि उसने ऐसे मास्क का अविष्कार किया है कि वह कोरोनोवायरस को मार सकता है। उसका ये मास्क गूगल के म्यूजियम ऑफ डिज़ाइन एक्सीलेंस में मुंबई में प्रदर्शित किया जाएगा।
मीडिया से बात करते हुए दिगंतिका ने कहा कि उनके मास्क में तीन चैंबर हैं। एक निगेटिव आयन जनरेटर है जो हवा में धूल के कणों को फ़िल्टर करता है। जब फ़िल्टर की गई हवा दूसरे चैंबर में प्रवेश करती है, तो यह तीसरे तक पहुंचती है जो एक रासायनिक चैंबर है जिसमें साबुन और पानी का मिश्रण होता है – जो कोरोना वायरस को मार सकता है।
दिगंतिका ने कहा, “हम जानते हैं कि साबुन का पानी वायरस को मारता है, इसलिए जब हवा तीसरे चैंबर में पहुंचती है, तो रासायनिक समाधान में वायरस को मारने की क्षमता होती है।” इसी तरह, अगर एक कोविड-संक्रमित व्यक्ति मास्क का उपयोग करता है, तो वे जिस हवा को बाहर निकालते हैं, वह इसी तरह की प्रक्रिया से गुजरेगी और वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है।
दिगंतिका ने बताया कि उसने मास्क पर परीक्षण के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया है और यह कोविड -19 के प्रसार के खिलाफ एक कारगर प्रयास हो सकता है। कक्षा 12 की छात्रा ने कहा कि उसने कोविड -19 महामारी की पहली लहर के दौरान ये मास्क बनाया था। उसने कहा, पिछले साल हुए लॉकडाउन के दौरान जो भी संसाधन मेरे पास थे, मैं बनाया। मुझे हमेशा से ऐसी चीजों में दिलचस्पी रही है।”दिगंतिका में हमेशा इस तरह के इनोवेशन में रुचि थी।