दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में नवंबर 2020 से जारी किसान संगठनों के आंदोलन में भी कोरोना वायरस का खौफ देखा जा सकता है। यहां धरना स्थलों पर आने वाले लोग महामारी से बचाव के लिए अपने स्तर पर ही कई तरह के इंतजाम कर रहे हैं। विरोध-प्रदर्शन का प्रमुख अड्डा बने टीकरी व सिंघू बॉर्डर पर ‘काढ़ा’ परोसा जा रहा है। यह काढ़ा कुछ वनस्पतियों, नींबू व लौंग इत्यादि से बनाया गया है। जिससे वायरस की चपेट में आने से बचा जा सकता है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि, कोरोना से बचने के लिए उन्हें सरकार से कोई सुविधा नहीं मिली है। सभी उपायों को वे खुद ही कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों द्वारा कोरोना से बचाव के लिए क्या-क्या किया जा रहा है, इस सवाल पर एक किसान नेता ने कहा, “चौबीसों घंटे चलने वाले लंगरों को नियमित रूप से साफ किया जा रहा है। किसानों की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार के लिए, उन्हें ‘काढ़ा’ भी परोसा जा रहा है। इसके अलावा, आसपास के क्षेत्रों में टीकाकरण शिविर हैं और जो कोई भी टीकाकरण कराना चाहता है,वो स्वतंत्र है। जाएं और टीका लगवाएं।”
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि, सिंघू बॉर्डर पर हर लंगर की नियमित रूप से सफाई की जा रही है और प्रदर्शनकारियों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए रोज ‘काढ़ा’ भी परोसा जा रहा है। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के डासना में तो किसान-प्रदर्शनकारी रतजगा भी करते हैं और तम्बू में काढ़ा बनाकर पीते हैं। जिन मार्गों पर प्रदर्शनकारियों का जमावाड़ा है, वहां 24 घंटे की नाकाबंदी देखी जा सकती है।
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता ने कहा, ”हजारों किसान, जो ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, वे इन दिनों दिल्ली से लगते तीन इलाकों- सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में लगभग छह महीने से केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हमारी लड़ाई पिछले साल सितंबर में शुरू हुई थी।”
भारतीय किसान यूनियन के नेता रूप सिंह ने कहा, “हमने टिकरी बॉर्डर पर धरना-स्थल को 17 किमी इलाके में विघटित किया है, ताकि प्रदर्शनकारियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे। हमारे कई संगठन प्रदर्शनकारियों के लिए मास्क, सैनिटाइटर एवं दवाओं का वितरण कर रहे हैं।’
कोरोना वैक्सीन लगवा रहे हैं या नहीं, इस सवाल पर वह बोले कि, वैक्सीनेशन वाले आएंगे तो सब लगवा सकते हैं। सिंह ने दावा किया कि, अभी वायरस के खिलाफ लड़ाई में किसानों को सरकार से कोई समर्थन नहीं मिला है, और यहां तक कि टीकरी बॉर्डर पर वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी उपाय केवल उनके द्वारा किए गए हैं।