मुरादाबाद, 25 मार्च 2021
इस दिन महिलाओं को समाज के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मान दिया जाता है और समाज को आगे बढ़ाने में उनके योगदान की सराहना की जाती है। इस खास मौके पर महिलाओं के संघर्ष से जुड़ी कई प्रेरणास्पद कहानियां भी सामने आ रही हैं। ऐसी ही कहानी है यूपी के मुरादाबाद की प्रगति की, जिसे दोनों हाथ न होने के बावजूद हार नहीं मानी और आगे बढ़ती गई। दोनों हाथ न होने के बावजूद प्रगति ‘आत्मनिर्भर’ हैं।
समाज के सामने मिसाल पेश रही रहीं मुरादाबाद की प्रगति
मुरादाबाद की प्रगति पूरे समाज के सामने एक मिसाल पेश कर रही हैं। प्रगति ने 2010 में हाईटेंशन तारों की चपेट में आने से उन्होंने अपने दोनों हाथ गंवा दिए थे। इसके बाद भी वो ना सिर्फ आम लोगों की तरह अपने सारे काम खुद करती हैं बल्कि जरूरतमंद बच्चों को पढ़ाती भी हैं। प्रगति बताती हैं कि 2010 में करंट लगने के कारण उनके हाथ बुरी तरह झुलस गए थे। डॉक्टरों के पास हाथ काटने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। बता दें, इस घटना के बाद भी प्रगति ने हार नहीं मानी। आज वह न केवल अपने हाथों से लिख पाती है, बल्कि मोबाइल और लैपटॉप भी बड़ी आसानी चला पाती है। प्रगति ने बताया कि वह बैंक परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं। अपने खर्चों और पढ़ाई के लिए वह जरूरतमंद छात्रों को पढ़ाती हैं।
टॉपर रही हैं प्रगति, बिना हाथ तेजी से करती हैं कंप्यूटर टाइपिंग
प्रगति ने दसवीं और 12वीं में टॉप किया था। इसके बाद ग्रेजुएशन में भी टॉपर रहीं। प्रगति ने गरीब बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया। वह इलाके के गरीब बच्चों को अपने घर पर ही पढ़ाती हैं। साथ ही अपनी पढ़ाई करती हैं। प्रगति कंप्यूटर से लेकर मोबाइल पर भी काम करती हैं। हाथ न होने बावजूद वह कंप्यूटर पर टाइपिंग हो या मोबाइल पर मैसेज टाइप कर लेती हैं। प्रगति अपना खर्च चलाने के लिए मेहंदी भी लगाती हैं। प्रगति ने कहावत ‘उड़ान परों से नहीं हौसलों से होती है’ को सच साबित कर दिखाया है।
मिशन शक्ति के दूसरे चरण का आगाज करेंगे सीएम योगी
बता दें, अंतररष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर यूपी में सीएम योगी सोमवार से मिशन शक्ति के दूसरे चरण का आगाज करेंगे। राजधानी लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी लखनऊ वासियों को सेफ सिटी परियोजना के तहत पिंक बूथ समर्पित करेंगे। सीएम के निर्देश पर जिलों में ब्लॉक व तहसील स्तर पर भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सेफ सिटी परियोजना के तहत पिंक बूथ के अलावा, पिंक टॉयलेट्स, डार्क स्थान चिन्हित कर वहां प्रकाश की व्यवस्था और पेट्रोलिंग करने के लिए पिंक बाइक और कार भी पुलिस को दी जा रही है।