नई दिल्ली, 17 मार्च 2021
आज विघ्नहर्ता गणेश जी का दिन यानी कि विनायक चतुर्थी है, हर साल फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी के दिन यह त्योहार मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने के साथ सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। ये चतुर्थी हर तरह से लोगों को फायदा पहुंचाती है। वैसे भी आज बुधवार है और ये दिन बप्पा का ही होता है, ऐसे में आज के दिन चतुर्थी का पड़ना अपने आप में ही खास बात है, इसलिए चतुर्थी का महत्व पहले से और ज्यादा बढ़ जाता है, आज के दिन कुछ लोग उपवास भी रखते हैं और शाम को पूजा करने के बाद अपना व्रत खोलते हैं।
विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
- मुहूर्त- आज सुबह 11 बजकर 17 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक
- पूजा मुहूर्त की कुल अवधि- 02 घंटे 24 मिनट
पूजा विधि
- आज स्नान आदि से निवृत्त होकर जातक को स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।
- कोशिश करें कि जातक लाल या पीले रंग का वस्त्र धारण करें क्योंकि ये इंसान के उत्साह और खुशी को दिखाता है। फिर भगवान गणेश की पूजा अपने सामार्थ्य अनुसार फूल, फल, मिठाई, दूध और मोदक से करनी चाहिए।
- पूजा के दौरान ‘ॐ सिद्ध बुद्धि सहित महागणपति आपको नमस्कार है’ करते हुए पूजा शुरू करनी चाहिए।
- व्रतियों को शाम के समय चतुर्थी व्रत कथा सुननी चाहिए।
- रात के समय चंद्रोदय होने पर गणेश का पूजन करें।
- फिर गणेश की आरती करें और क्षमायाचना के बाद पूजा समाप्त करें और उसके बाद चांद को अर्ध्य दें और इसके बाद अपना व्रत खोलें।
महत्व
- सभी गृहस्थों को जीवन में कम से कम एक बार ये व्रत जरूर करना चाहिए।
- सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए ये व्रत काफी फलदायी है।
- भगवान श्री गणेश की कृपा से सिद्धि-बुद्धि, ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है।
- इस व्रत को करने से मनुष्य में ज्ञान की वृद्दि होती है।
- उच्च कोटि की संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत करना चाहिए।
गणेश मंत्र से कीजिए बप्पा को प्रसन्न
- ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
- ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश। ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति, सिदि्ध पति। मेरे कर दूर क्लेश।।
- ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
- ॐ वक्रतुंडाय हुम्
- ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा।