उत्तराखंड, 17 मार्च 2021
उत्तराखंड की दारमा और व्यास घाटी में पिछले सप्ताह हुई बर्फबारी के बाद जगह-जगह ग्लेशियर खिसकने से सीपीडब्लूडी की निर्माणाधीन सड़क सेला से बालिंग तक बंद हो गई है। इस सड़क को खुलने में चार दिन का समय लग सकता है।
ग्लेशियरों से रास्ते बंद होने से माइग्रेशन वाले गांवों को जाने वाले लोगों के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। दारमा घाटी के दुग्तू में कुछ दिन पहले हुई बर्फबारी ने भी समस्याएं बढ़ी दी हैं। सीपीडब्लूडी के अभियंता वीरेंद्र कुमार ने बताया कि सड़क से बर्फ हटाने का काम शुरू हो गया है।
सड़क खुलने में लगभग चार दिन का समय लगेगा, हालांकि व्यास घाटी के गुंजी के मनीला में मंगलवार को हुई बर्फबारी के बाद बुधवार को मौसम साफ रहा और दिन में धूप निकलने के बाद पड़ी बर्फ पिघलने लगी है। बीआरओ ने व्यास घाटी में गुंजी से कुटी तक जेसीबी लगाकर रास्तों से बर्फ हटा दी है।
वहीं, दारमा घाटी के अंतिम गांव सीपू और मार्छा को जोड़ने वाला सीपू गाड़ पर बना लकड़ी का पुल बाढ़ में बह गया है। आईटीबीपी से इसकी जानकारी मिलने के बाद सीपू गांव के लोगों को अप्रैल से शुरू होने वाले माइग्रेशन के प्रति चिंता बढ़ गई है।
दीलिंग दारमा सेवा समिति के कोषाध्यक्ष जीवन सिंह सीपाल ने बताया कि बाढ़ से सीपू गाड़ पर बना लकड़ी का पुल बह गया है। इस पुल का निर्माण पिछले साल ही किया गया था। इस पुल के टूटने से माइग्रेशन पर जाने वाले सबसे दूरस्थ गांव सीपू के 15 से 20 परिवारों को परेशानी हो सकती है।
समिति और ग्रामवासियों ने प्रशासन को ज्ञापन देकर लकड़ी का नया पुल बनाने की मांग की। सीपू की ग्राम प्रधान शांति सीपाल ने बताया कि पिछले सप्ताह दारमा में बर्फबारी हुई थी। इससे दारमा घाटी में सेला से आगे कई जगहों पर सड़क बंद होने की सूचना मिली है।
इस कारण दारमा घाटी के 14 गांवों के लोगों को परेशानी हो सकती है। उन्होंने जिला प्रशासन की एक टीम को मौके पर भेजकर ग्लेशियर से हुए नुकसान का आकलन कर मूलभूत सुविधाओं की बहाली की मांग की है।
सीपीडब्ल्यूडी के ईई वीरेंद्र कुमार का कहना है कि दारमा घाटी में सेला से बालिंग के बीच ग्लेशियर खिसकने से सड़क बंद होने की सूचना मिली है। मौके पर कर्मचारियों को भेजा गया है। शीघ्र ही सड़क से बर्फ हटा ली जाएगी।