नई दिल्ली: केरल में पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक हिंसा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से मिलने से इंकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार सीएम ने प्रधानमंत्री कार्यालय से मिलने के लिए वक्त मांगा था जिसकी पीएमओ ने अनुमती नहीं दी। प्रधानमंत्री पिछले तीन सालों में चार बार पिनराई का अनुरोध ठुकरा चुके है।
जानकारी के अनुसार केरल के मुख्यमंत्री एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली आए हैं और पीएम मोदी से मिलना चाहते थे। वह केरल के राशन आवंट के मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे। बताया जा रहा है कि पिनराई और ऑल पार्टी डेलिगेशन द्वारा अपॉइंटमेंट मांगे जाने पर पीएमओ का जवाब आया कि यदि आवश्यक हो तो खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान से मिल सकते हैं। सीएम ने पिछले हफ्ते भी इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री से मिलने के लिए वक्त मांगा था लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली।
इससे पहले 20 मार्च 2017 को सीएमओ ने केरल के लिए आवंटित बजट के मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए वक्त मांगा था। 24 नवंबर 2016 को भी विमुद्रीकरण पर बातचीत करने के सिलसिले में प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया लेकिन पहले की तरह ही पीएम ने मिलने से इनकार कर दिया। वहीं इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
बता दें कि पी विजयन उन मुख्यमंत्रियों में शामिल थे जो दिल्ली में केन्द्र और एलजी के खिलाफ धरना दे रहे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिले थे। उन्होंने खत लिखकर इस मुद्दे को सुलझाने की बात कही थी। पिनराई ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार संघीय प्रणाली को बर्बाद करने की कोशिश कर रही है।