कानपुर: उत्तर प्रदेश में कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल (जीएसवीएम) कालेज से संबद्ध लाला लाजपत राय (हैलट) अस्पताल में 5 मरीजों की मौत के मामले में सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी से डॉक्टरों को क्लीन चिट मिलने के आसार बढ़ गए हैं। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने जांच दल को सफाई दी थी कि सघन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) का एयरकंडीशनर खराब जरूर हुआ था मगर इसके लिए एसी मेंटिनेंस की सेवाएं देने वाली कंपनी को समय से सूचित किया गया था।
डॉक्टरों का कहना था कि एसी बंद होने से मरीजों को असुविधा तो हो सकती है मगर आईसीयू में लगे जीवन रक्षक उपकरण सही हालत में रहने से सिर्फ एसी के कारण किसी की मौत नहीं हो सकती। जांच दल में शामिल डॉ.के.के गुप्ता के साथ डॉ. देवेन्द्र गुप्ता, डॉ. हिमांशु की टीम ने आईसीयू के निरीक्षण के बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य कक्ष में मेडिसिन विभाग के 3 डॉक्टरों के बयान लिए।
3 डॉक्टरों ने अपनी अपनी सफाई देते हुए कहा कि मरीजों की मौत हुई है लेकिन इसका कारण एसी फेल होना नहीं है क्योंकि आईसीयू में लगे सारे उपकरण सही काम कर रहे थे। 3 मरीजों की मौत हार्ट अटैक से जबकि 2 मरीज काफी गंभीर थे। उन्हें गुरुवार देर रात न्यूरोसर्जरी आईसीयू में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही थी लेकिन इससे पहले उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों का पक्ष सुनने के बाद जांच कमेटी ने 5 मरीजों के ट्रीटमेंट का ब्योरा लिया जिनकी मौतें हुई थीं। ड्यूटी डॉक्टरों का पक्ष सुनने के बाद जांच कमेटी में प्राचार्य से मामले की रिपोर्ट मांगी।
हैलट प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया है कि मरीजों की मौतें गंभीर बीमारियों के कारण हुईं। एसी प्लांट की वजह से किसी को भी हाइपोथर्मिया की शिकायत नहीं निकली है। रिपोर्ट में कहा गया कि एसी प्लांट में खराबी मेंटेनेंस फर्म की लापरवाही से हुई है, जिसको कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की सफाई से जांच दल संतुष्ट दिखाई पड़ा। जांच दल को रविवार शाम तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंपनी है। अस्पताल प्रशासन को उम्मीद है कि सरकार का भरोसा उन पर कायम रहेगा।